गोविन्दगढ़ पुलिस ने टीआई व एएसआई को किया था ट्रेप
लोकायुक्त हाल ही में गोविन्दगढ़ थाना प्रभारी एसएस बघेल व एएसआई देशराज सिंह परिहार को रिश्वत लेते ट्रेप किया था। उक्त अधिकारियों की इस हरकत ने पूरे विभाग को शर्मसार किया है। इस कार्रवाई के बाद अब एसपी नवनीत भसीन ने सख्त रुख अपनाया है। अब यदि थाने का कोई कर्मचारी लोकायुक्त की कार्रवाई में ट्रेप में होता है तो उसमें थाना प्रभारी की भूमिका की अलग से जांच विभाग करेगा। यदि थाने का कोई कर्मचारी रिश्वत लेता है तो थाना प्रभारी के संज्ञान में होता है। कर्मचारियों को अनुशासित रखने के साथ कार्यों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होती है। कोई भी प्रकरण दर्ज होता है तो वह थाना प्रभारी के संज्ञान में होता है।
लोकायुक्त हाल ही में गोविन्दगढ़ थाना प्रभारी एसएस बघेल व एएसआई देशराज सिंह परिहार को रिश्वत लेते ट्रेप किया था। उक्त अधिकारियों की इस हरकत ने पूरे विभाग को शर्मसार किया है। इस कार्रवाई के बाद अब एसपी नवनीत भसीन ने सख्त रुख अपनाया है। अब यदि थाने का कोई कर्मचारी लोकायुक्त की कार्रवाई में ट्रेप में होता है तो उसमें थाना प्रभारी की भूमिका की अलग से जांच विभाग करेगा। यदि थाने का कोई कर्मचारी रिश्वत लेता है तो थाना प्रभारी के संज्ञान में होता है। कर्मचारियों को अनुशासित रखने के साथ कार्यों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होती है। कोई भी प्रकरण दर्ज होता है तो वह थाना प्रभारी के संज्ञान में होता है।
अपनी भूमिका से बच नहीं पायेंगे थाना प्रभारी
ऐसे में कोई कर्मचारी रिश्वत लेते ट्रेप होता है तो उसमें थाना प्रभारी अपनी भूमिका से इंकार नहीं कर सकते। एसपी ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि जो भी थाना प्रभारी है वे अपने स्टाफ पर नियंत्रण रखे। यदि ट्रेप की कार्रावाई होती है तो थाना प्रभारी को भी किसी हाल में नहीं छोड़ा जायेगा। एसपी की सख्ती ने थाना प्रभारियों में खलबली मचा दी है।
ऐसे में कोई कर्मचारी रिश्वत लेते ट्रेप होता है तो उसमें थाना प्रभारी अपनी भूमिका से इंकार नहीं कर सकते। एसपी ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि जो भी थाना प्रभारी है वे अपने स्टाफ पर नियंत्रण रखे। यदि ट्रेप की कार्रावाई होती है तो थाना प्रभारी को भी किसी हाल में नहीं छोड़ा जायेगा। एसपी की सख्ती ने थाना प्रभारियों में खलबली मचा दी है।
पीएचक्यू ने जारी की थी गाइड लाइन
इस संबंध में पुलिस मुख्यालय भोपाल ने वर्ष 2015 में गाइड लाइन जारी की थी। लगातार पुलिसकर्मियों के लोकायुक्त ट्रेप होने की घटनाएं सामने आने पर पीएचक्यू ने सख्त गाइड लाइन जारी की थी जिसमें ट्रेप होने पर इकाई के प्रभारियों की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिये थे। कर्मचारियों के कार्यों के लिए वे सीधे तौर पर जिम्मेदार होते है।
इस संबंध में पुलिस मुख्यालय भोपाल ने वर्ष 2015 में गाइड लाइन जारी की थी। लगातार पुलिसकर्मियों के लोकायुक्त ट्रेप होने की घटनाएं सामने आने पर पीएचक्यू ने सख्त गाइड लाइन जारी की थी जिसमें ट्रेप होने पर इकाई के प्रभारियों की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिये थे। कर्मचारियों के कार्यों के लिए वे सीधे तौर पर जिम्मेदार होते है।
सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी
यदि थाने का कोई पुलिसकर्मी लोकायुक्त से ट्रेप होता है तो संबंधित थाना प्रभारी व विभाग प्रमुख पर भी कार्रवाई की जायेगी। कर्मचारी के कार्य के लिए थाना प्रभारी सीधे तौर पर जिम्मेदार है। विभाग में ऐसी गतिविधियां किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं की जायेगी।
नवनीत भसीन, एसपी रीवा
यदि थाने का कोई पुलिसकर्मी लोकायुक्त से ट्रेप होता है तो संबंधित थाना प्रभारी व विभाग प्रमुख पर भी कार्रवाई की जायेगी। कर्मचारी के कार्य के लिए थाना प्रभारी सीधे तौर पर जिम्मेदार है। विभाग में ऐसी गतिविधियां किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं की जायेगी।
नवनीत भसीन, एसपी रीवा