जिले के गढ़ थाना क्षेत्र के कैथा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, साथ ही आरटीआई के जरिए इसके दस्तावेज मांगे थे। जिला स्तर से पीएचई के अधिकारियों की टीम को जांच के लिए जाना था। फोन पर सूचना मिलने के चलते शिकायत की तस्दीक कराने शिवानंद भी पहुंचे। जांच अधिकारियों ने सरपंच-सचिव की उपस्थिति होने के चलते फोन पर बुलाया। सभी पक्ष जब पहुंच गए तो शिकायत के तथ्य बताने से रोका जाने लगा।
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जारी आदेश में कहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा 14 जून 2013 को जारी एडवाइजरी में आरटीआई एक्टिविष्ट को सुरक्षा देने की बात कही गई है। पुलिस अधीक्षक रीवा को एडवाइजरी के साथ आदेश की कापी भी आयोग ने भेजी है। जिसमें कहा गया है कि आयोग को जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता शिवानंद द्विवेदी को भी 26 जुलाई 2020 के पहले उक्त संबंध में की गई कार्रवाई से अवगत कराना होगा।
शिकायतकर्ता की ओर से आयोग को अवगत कराया गया था कि संभागायुक्त कार्यालय में आरटीआई आवेदन लगाया है, जहां से समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। संभागायुक्त कार्यालय ने उक्त संबंध में जांच कर प्रतिवेदन मांगा है। अभी तक जानकारी इसलिए नहीं दी है कि प्रतिवेदन नहीं पहुंचा है। इस पर आयोग ने डिप्टी कमिश्नर केके पाण्डेय को आदेशित किया है कि आवेदक को यह बताएं कि कब तक जानकारी उपलब्ध कराएंगे। साथ ही संपूर्ण जानकारी एकत्रित होने पर नि:शुल्क उपलब्ध कराएंगे। इसका पालन प्रतिवेदन २६ जुलाई से पहले प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। अन्यथा की स्थिति में धारा २०(१) व २०(२) के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
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राहुल सिंह, राज्य सूचना आयुक्त