यहां बात हो रही है सिरमौर चौराहे के समीप स्थित पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय की। जिसके सामने जरा सी बारिश में तालाब जैसा नजारा होता है। आईजी कार्यालय इस दौरान जाना हो तो घुटनों भर भरे पानी से होकर ही जाना होगा। ये नजारा बीते कई सालों से बारिश में देखने को मिल रहा है। लेकिन नगर निगम प्रशासन जल भराव की यहां होने वाली समस्या का निदान आज तक नहीं कर पाया है। भले ही शहर में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों पर आईजी कार्यालय के सामने की यह तस्वीर एक पल में विकास को धो डालती है। बता दें कि बगल में कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम करोड़ों रुपए खर्च कर बनाया गया लेकिन जलभराव की समस्या पर किसी भी जनप्रतिनिधि ने गंभीरता नहीं दिखाई।
कब आएंगे यहां के अच्छे दिन
रीवा जोन के आईजी वर्तमान में उमेश जोगा हैं। वह यहां रोजाना आते हैं। पर बारिश होने पर ये हाल देखना उनके लिए भी दुखदायी है। पुलिस के अधिकारियों की ओर से कई बार नगर निगम को समस्या के निदान के लिए कहा जा चुका है। पर नगर निगम के अफसरों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। केवल आईजी कार्यालय ही जलभराव से प्रभावित नहीं। यहां पर नगर निगम परिषद कार्यालय भी इसकी जद में है। कई दुकानदारों की दुकानदारी जलभराव के चलते कुछ घंटों के ठप हो जाती है।
रीवा जोन के आईजी वर्तमान में उमेश जोगा हैं। वह यहां रोजाना आते हैं। पर बारिश होने पर ये हाल देखना उनके लिए भी दुखदायी है। पुलिस के अधिकारियों की ओर से कई बार नगर निगम को समस्या के निदान के लिए कहा जा चुका है। पर नगर निगम के अफसरों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। केवल आईजी कार्यालय ही जलभराव से प्रभावित नहीं। यहां पर नगर निगम परिषद कार्यालय भी इसकी जद में है। कई दुकानदारों की दुकानदारी जलभराव के चलते कुछ घंटों के ठप हो जाती है।
तीन मेनहोल खोले, फिर भी बदहाली
मालूम हो कि सिरमौर चौराहे पर जल निकासी के लिए चौराहे के बीच में तीन मेनहोल खोल दिए गए हैं। नगर निगम अधिकारियों को उम्मीद थी कि बारिश के पानी का जलभराव नहीं होगा। पर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। दरअसल स्थाई समाधान पर कोई ध्यान नहीं है। नालियां चोक पड़ी है। अंडरग्राउंड नाला कचरे से जाम है। जिससे जलनिकासी होने में घंटों समय लग जाता है और जलभराव की स्थिति जरा सी बारिश में बन जाती है।
मालूम हो कि सिरमौर चौराहे पर जल निकासी के लिए चौराहे के बीच में तीन मेनहोल खोल दिए गए हैं। नगर निगम अधिकारियों को उम्मीद थी कि बारिश के पानी का जलभराव नहीं होगा। पर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। दरअसल स्थाई समाधान पर कोई ध्यान नहीं है। नालियां चोक पड़ी है। अंडरग्राउंड नाला कचरे से जाम है। जिससे जलनिकासी होने में घंटों समय लग जाता है और जलभराव की स्थिति जरा सी बारिश में बन जाती है।
डेढ़ घंटे में 19.2 मिमी. वर्षा
शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे एकाएक बादलों ने आसमान पर डेरा जमाया। हवा के रुख बदलने के साथ बारिश ने दस्तक दे दी। देखते ही देखते जोरदार बारिश हुई। मौसम केंद्र ने डेढ़ घंटे में 19.2 मिमी. बारिश रिकार्ड की। इस दौरान शहर में निचले स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखी गई। देर शाम तक काली घटाएं छाई रहीं। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आ गई है। मौमस केंद्र भोपाल के मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि रीवा सहित आसपास के जिलों में बारिश अगले चौबीस घंटे में फिर होगी।
शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे एकाएक बादलों ने आसमान पर डेरा जमाया। हवा के रुख बदलने के साथ बारिश ने दस्तक दे दी। देखते ही देखते जोरदार बारिश हुई। मौसम केंद्र ने डेढ़ घंटे में 19.2 मिमी. बारिश रिकार्ड की। इस दौरान शहर में निचले स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखी गई। देर शाम तक काली घटाएं छाई रहीं। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आ गई है। मौमस केंद्र भोपाल के मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि रीवा सहित आसपास के जिलों में बारिश अगले चौबीस घंटे में फिर होगी।