– दो तरह से सूचीबद्ध होगा निर्माण
अवैध निर्माण को दो तरह से चिन्हित करने के लिए कहा गया है। एक तो वह जिसके लिए नगरीय निकाय से अनुमति तो ली गई है लेकिन अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया और उसके विपरीत निर्माण कराया गया है। वहीं दूसरी श्रेणी में बिना अनुमति के निर्माण कराया गया है। दोनों को अलग-अलग तरह से सूची में शामिल कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।
—
पांच हजार वर्गफीट से अधिक के निर्माण पर होगा फोकस
शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन भवनों और निर्मित हो चुके भवनों का सर्वे कराया जाएगा। इसमें पहले चरण मेंं 5000 वर्गफीट से अधिक के सभी भवनों की भवन अनुज्ञा का शत-प्रतिशत अनिवार्यत: निरीक्षण किया जाएगा। सर्वे में यदि बिना अनुमति अथवा अनुमति के विरुद्ध किया गया हैं, तो मध्यप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 और मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य हैं, उनकी नियमानुसार कम्पाउंडिंग की जाएगी तथा जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य नहीं हैं, उनपर अवैध निर्माण हटाए जाने की कार्रवाई होगी।
–
जीआइएस सर्वे के सभी भवनों की अनुज्ञा जरूरी
प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया है कि जीआइएस सर्वे के माध्यम से वर्तमान सम्पत्तियों और नई सम्पत्तियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। उक्त सर्वे कार्य में निकाय के बेस मैप पर सभी सम्पत्तियों की जानकारी उपलब्ध है। इन सभी भवनों की अनुज्ञा का परीक्षण किया जाएगा।
– आनलाइन साफ्टवेयर के जरिए होगा काम
नगर निगम सर्वे करने के साथ ही अवैध निर्माण का चिन्हांकन और कंपाउंडिंग का कार्य एबीपीएएस साफ्टवेयर के माध्यम से ही कराया जाएगा। इस दिन की प्रगति की समीक्षा भोपाल में होगी, इसलिए आयुक्त से कहा गया है कि वह निकाय स्तर पर किए गए कार्यों की समीक्षाा करें।
– कागजों में हो गई कंपाउंडिंग और नियम विरुद्ध निर्माण नहीं गिराया
पूर्व में कंपाउंडिंग के लिए दिए गए निर्देशों में स्पष्ट किया गया था कि यदि किसी व्यक्ति ने भवन अनुज्ञा से अधिक निर्माण करा रखा है अथवा अनुज्ञा नहीं ली गई थी तो उससे निर्धारित राशि लेकर भवन को वैधता प्रदान की जाएगी। इसमें कुछ शर्तें भी निर्धारित की गई थी कि किस तरह से निर्माण कार्यों को कंपाउंडिंग के दायरे में तब तक शामिल नहीं किया जाएगा जब तक उसमें अवैध निर्माण रहेगा। इसलिए पहले अवैध निर्माण को तोडऩे के लिए कहा गया था, इसके बाद कंपाउंडिंग करना था। रीवा में बड़ी संख्या में मकानों की कंपाउंडिंग हुई लेकिन अवैध निर्माण नहीं तोड़े गए। शर्त में यह स्पष्ट किया गया था कि सड़क पर, नाली पर और फ्रंट में निर्धारित स्थान छोड़े बिना निर्माण कराया गया है तो उसे तोड़ा जाएगा। रीवा नगर निगम में लोगों ने आवेदन दिया और कागजी तौर पर भवनों की कंपाउंडिंग कर दी गई है। इसको लेकर लगातार सवाल भी उठते रहे हैं। शहर में करीब छह सौ की संख्या में भवनों की कंपाउंडिंग हुई है। कुछ दिन पहले ही वार्ड चार के एक भवन की शिकायत लोगों ने की है जिसका निर्माण पूरा नहीं हुआ और निगम अधिकारियों ने कंपाउंडिंग कर दी है।
——
नए शॉपिंग काम्पलेक्स में पार्किंग एरिया की अनदेखी
शहर में इनदिनों तेजी के साथ शॉपिंग काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। करीब सैकड़ा भर की संख्या में बनाए जा रहे छोटे-बड़े इन भवनों में क्षमता के अनुरूप वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। कुछ जगह बेसमेंट में पार्किंग के नाम पर बाहर से तो जगह बताई जा रही है लेकिन भीतर उसमें कमरे बना लिए गए हैं। ऐसी हालत में इनमें संचालित होने वाली दुकानों और कार्यालयों में आने वाले लोगों के वाहन सड़क पर भी खड़े होंगे और जाम की समस्या उत्पन्न होगी। शहर के शिल्पी प्लाजा से लेकर कालेज चौराहा तक और सिरमौर चौराहे से समान तिराहे तक में करीब २० से अधिक नए भवनों का निर्माण चल रहा है। हर जगह वाहन पार्किंग की समस्या की अनदेखी की जा रही है।
—
अवैध निर्माण का सर्वे कराने के लिए निर्देश प्राप्त हुआ है। इसमें पहले पांच हजार वर्गफीट से अधिक के भवनों को चिन्हित किया जाएगा। जो कंपाउंडिंग के दायरे में होंगे वह प्रक्रिया में शामिल होंगे और जो नहीं होंगे उन्हें गिराने की कार्रवाई भी होगी। सभी जोन प्रभारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
संस्कृति जैन, आयुक्त नगर निगम रीवा