रीवा शहर के अवैध बारातघरों को करना था बंद, सत्यापन में कमियां पाए जाने पर निगम प्रशासन से साधी चुप्पी
- शहर के करीब आधा सैकड़ा बारातघरों का दोबारा सत्यापन कराया गया
- निगम आयुक्त ने सभी जोन प्रभारियों से मांगा था प्रतिवेदन, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

रीवा। शहर में अवैध घोषित हो चुके बारातघरों को लेकर नगर निगम प्रशासन का एक बार फिर उदासीन रवैया सामने आया है। शहर के सभी बारातघरों का सत्यापन करने के बाद जो अवैध उन्हें बंद कराने का निर्देश था। यहां पर निगम अधिकारियों ने बारातघरों का सत्यापन तो कराया, जिसमें बड़े पैमाने पर कमियां पाई गई हैं।
ऐसे में अवैध बारातघरों पर ताला लगाना था लेकिन निगम अधिकारियों ने कमियां मिलते ही चुप्पी साध ली है। कार्रवाई के लिए जो दावे किए जा रहे थे उनके अनुसार कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बारातघर बंद कराने के बजाए उनकी फाइलें जो जांच के लिए चल रही थी उन्हें बंद किया जा रहा है। अब अवैध बारातघरों को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि वैवाहिक आयोजन शुरू हो गए हैं।
ऐसे में विवाह के कार्यक्रम भी होने लगे हैं, अब निगम अधिकारियों का तर्क है कि पूर्व से जिन्होंने बुकिंग कर ली है उनका कार्यक्रम नहीं हो पाएगा, इस कारण फिलहाल अस्थाई रूप से कार्यक्रम करने दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि नोटिस तो निगम की ओर से जारी की गई है लेकिन संचालकों की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
- कोर्ट के निर्देश पर सभी को लाइसेंस लेना अनिवार्य
शहर के बारातघरों को निर्धारित शर्तों के अनुसार लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है। कुछ महीने पहले ही हाईकोर्ट ने तत्कालीन निगम आयुक्त को फटकार लगाई थी और सभी अवैध बारातघर बंद करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही नगर निगम उज्जैन द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार सभी को शर्तों का पालन करते हुए लाइसेंस नगर निगम से जारी करने के लिए कहा था। उस दौरान निगम आयुक्त ने एक महीने का समय कोर्ट से मांगा था और शहर में सभी बारातघरों का सत्यापन कराने के बाद लाइसेंस देने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। उसी दौरान कोरोना संक्रमण प्रारंभ हो गया जिसकी वजह से यह प्रक्रिया बीच में ही रोकी गई थी। अब फिर से नगर निगम आयुक्त ने कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करते हुए सत्यापन कराने का निर्देश दिया है।
- पूर्व में लगाया ताला भी खोला
बीते जनवरी और फरवरी महीने में नगर निगम की ओर से सत्यापन में शर्तों के विपरीत पाए गए बारातघरों पर कार्रवाई शुरू की गई थी। जिसमें से करीब तीन दर्जन की संख्या में बारातघरों में निगम ने अपना ताला लगा दिया था। इसमें से कई ऐसे थे जो शहर के नालों और सड़कों में अतिक्रमण करके बनाए गए थे। इनका अतिक्रमण तोडऩे की भी कार्रवाई की तैयारी नगर निगम ने की थी लेकिन मार्च के दूसरे सप्ताह के बाद कोरोना संक्रमण की आशंका की वजह से सभी वैवाहिक आयोजन रोक दिए गए थे और बाद में लॉकडाउन ही लगा दिया गया। जिसके चलते कार्रवाई की प्रक्रिया वहीं पर रुकी हुई थी। इस बार भी सत्यापन में पहले की तरह ही अवैध पाए गए हैं लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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अधिकांश नियमों के विपरीत हो रहे संचालित
शहर में जितने भी बारातघर संचालित हो रहे हैं, उसमें करीब दर्जन भर को छोड़कर शेष सभी ऐसे हंै जो नियमों के विपरीत संचालित किए जा रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या इन विवाहघरों में वाहन पार्किंग की है, अधिकांश में सड़कों पर ही वाहन पार्किंग होती है। जिसके कारण आयोजनों के समय ट्रैफिक जाम लग जाता है। बहुत कम स्थान वाहन पार्किंग के लिए छोड़े गए हैं, नए नियमों में २५ प्रतिशत पार्किंग के लिए स्थाना छोडऩा अनिवार्य है। अग्रिशमन, कचरा निष्पादन सहित कई ऐसी जरूरी शर्तें हैं जिनका पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा है कि शर्तों का पालन नहीं करने वालों को किसी हालत में लाइसेंस जारी नहीं हों।
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लाइसेंस के लिए इन शर्तों का पालन जरूरी
- भवन क्षमता के अनुसार अग्रिशमन यंत्रों की व्यवस्था।
- महिला-पुरुषों के लिए पर्याप्त शौचालय की व्यवस्था।
- परिसर में आने और जाने के दो रास्ते अनिवार्य होंगे, एक रास्ते वालों का आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
- सामने सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 40 फीट अनिवार्य है। सामुदायिक केन्द्रों के लिए यह चौड़ाई 20 फीट की होगी।
- कचरा संधारण एवं गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था।
- बिजली, पानी तथा इमरजेंसी लाइट की पर्याप्त व्यवस्था।
- वाटर हार्वेस्टिंग की पर्याप्त व्यवस्था।
- भोजन बनाने वाले जगह की पर्याप्त व्यवस्था, पार्क, विद्युत कनेक्शन, जनरेटर, आतिशबाजी के स्थान का अलग इंतजाम।
- वाहन पार्किंग व्यवस्था कुल क्षेत्रफल के कम से कम 25 प्रतिशत हिस्से में अनिवार्य।
- विवाह स्थल पर यातायात को बाधित होने से रोकने के लिए निर्धारित संख्या में सुरक्षा गार्ड भी जरूरी।
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हमारे क्षेत्र में जितने भी बारातघर संचालित हैं, उन सबका सत्यापन किया गया है। जहां पर कमियां पाई गई हैं उनके संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
एचके त्रिपाठी, जोनल अधिकारी-2
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