इस प्रकार फिलहाल अभी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। वहीं तापमान में ज्यादा उतार – चढ़ाव नहीं होगा। न्यूनतम तापमान 17 डिग्री एवं अधिकतम तापमान 32 डिग्री के आस – पास रहेगा। मौसम का सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। अरहर मसूर चना सरसों अलसी जैसी दलहनी और तिलहनी फसलें चौपट हो रही हैं। माघी अरहर के साथ मसूर कटकर खलिहान में भी आ गई है।
लगातार पानी गिरने से धूप ना लगने के कारण अरहर और मसूर चौपट हो गई है। साथ ही चना को पानी अधिक मिलने से उसका पेड़ इतना बढ़ गया है कि वह गिर गया और उसमें फलियां भी नहीं लग पा रही हैं।
यही हाल मटर का भी हो गया है। लगातार गरज – चमक के साथ हो रही बारिश के कारण सरसों और अलसी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी के साथ-साथ प्याज लहसुन टमाटर जैसी अन्य साग सब्जियां भी लगातार हो रही बारिश के कारण गलने और सडऩे लगी हैं।
इन सभी फसलों के चौपट होने से सब्जी का बाजार भी गरम हो गया है।
बाजार में रहा सन्नाटा
रविवार को दिनभर बारिश का दौर चलता रहा, जिससे बाजार में सन्नाटा जैसा रहा। सबसे बाजार शिल्पी प्लाजा सहित अन्य बाजार तो खुले थे लेकिन ग्राहकों की संख्या कम रही। जिससे बाजार में चहल-पहल नहीं रही। पानी लगातार गिरने से लोग घरों के बाहर से नहीं निकल पाए।
आम और महुआ की फसल भी हो रही चौपट
लगातार गरज चमक के साथ हो रही तेज बारिश के कारण किसानों की आय का साधन आम और महुआ की फसल भी पूरी तरह से चौपट हो गई है। जिसका सीधा असर किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। वह अपने बच्चों की पढ़ाई और परिवार के पालन पोषण को लेकर काफी परेशान नजर आ रहा है।
भारतीय किसान संघ के संभागीय अध्यक्ष रमेश प्रताप सिंह ने कहा कि, असमय गरज चमक से किसानों की फसल चौपट हो गई है। सरकार राजस्व अमले से फसल की नुकसानी का मुआयना कराकर हर संभव मदद दिलाने का प्रयास करे।