प्रमुख सचिव ने कहा कि अस्पताल भवन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। गुणवत्ताविहीन कार्य पाये जाने पर निर्माण एजेंसी का भुगतान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पानी एवं बिजली की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराई जाये। नगर निगम एवं विद्युत कंपनी द्वारा इस संबंध में ध्यान देकर कार्य किया जाये।
उन्होंने अस्पताल में विभिन्न प्रकार की मशीनें एवं उपकरण तीव्र गति से स्थापित करने के निर्देश दिए तथा अस्पताल की पैथलैब चालू कराने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। इस पर जुलाई-अगस्त में चालू हो जाने की संभावना बताई गई। आइसीयू को पूरी तरह प्रक्रिया की जाए जिससे चूहों एवं कबूतरों के अंदर आने की संभावना न रहे। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर गेप एवं क्रेस भराने के निर्देश दिए। इसी तरह छत की सीलिंग ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अस्पताल का निर्माण कार्य घर की तरह ही कराया जाना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, प्रभारी डीन श्यामशाह मेडिकल कॉलेज एपीएस गहरवार सहित अन्य चिकित्सकगण व निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मेडिकल कालेज में एमबीबीएस पाठ्क्रम की सीट 100 से बढ़ाकर 150 करने के संबंध में भी निर्देश दिए। उन्होंने वर्न यूनिट का काम सितम्बर तक पूरा करने तथा मल्टी डिस्प्लेनिरी रिसर्च यूनिट के लिए उपकरण क्रय करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने संजय गांधी अस्पताल की आवासीय परिसर में आवास गृहों का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए कहा तथा स्किल सेंटर की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि अस्पताल भवन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं ंकिया जाएगा। गुणवत्ताविहीन कार्य पाए जाने पर निर्माण एजेंसी का भुगतान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पानी एवं बिजली की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। नगर निगम एवं विद्युत कंपनी द्वारा इस संबंध में ध्यान देकर कार्य किया जाए। प्रमुख सचिव ने कहा कि फिंनिसिंग की बहुत कमियां हैं। कमियां दूर होने उसके बाद ही अस्पताल के लोकार्पण की कार्यवाही की जायेगी।
सुपरस्पेशियलटी में लगी मशीनें एवं उपकरण तीव्र गति से स्थापित करने के के साथ ही अस्पताल की पैथलैब चालू कराने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। इस पर जुलाई-अगस्त में चालू हो जाने की संभावना बताई गई। आईसीयू को पूरी व्यवस्ािित किया जाए जिससे चूहों एवं कबूतरों के अंदर आने की संभावना न रहे।