पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर चंगुल से छुड़ाया
रायबरेली (यूपी) से पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे पीडि़त परिवार ने तहरीर देकर बंधक बनाकर रखे गए बेटे को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
रायबरेली (यूपी) से पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे पीडि़त परिवार ने तहरीर देकर बंधक बनाकर रखे गए बेटे को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
मध्य प्रदेश के रीवा में चल रहा ऐसा खेल
उत्तर प्रदेश के रायबरेली के जयसिंह पुराव गांव निवासी गया प्रसाद पासवान ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर बताया कि उसके बेट लवकुश पासवान को रतहरी स्थित मकान नंबर-15 में किसी पटेल के यहां बंद करके रखा गया है। साथ में कई अन्य लडक़े-लड़कियां हैं। बेटे लवकुशव को नौकरी दिलाने के नाम पर बीस हजार रुपए की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली के जयसिंह पुराव गांव निवासी गया प्रसाद पासवान ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर बताया कि उसके बेट लवकुश पासवान को रतहरी स्थित मकान नंबर-15 में किसी पटेल के यहां बंद करके रखा गया है। साथ में कई अन्य लडक़े-लड़कियां हैं। बेटे लवकुशव को नौकरी दिलाने के नाम पर बीस हजार रुपए की मांग की है।
रिश्तेदारों को जोडऩे का बना रहे दबाव
नौकरी के नाम पर बुलाए गए युवकों को नेटवर्किंग कारोबार में रिश्तेदारों को जोडऩे का दवाब बना रहे हैं। इस व्यवस्था में कई युवक फंस गए हैं। जैसे-जैसे रायबरेली से आए परिजन बेटे को इस काम से मुक्त कराकर वापस ले गए। आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद युवक ने परिजनों से बताया कि बीस हजार रुपए जमा कराने के बाद नेटवर्किंग काम कराते हैं और रिश्तेदारों को जोडऩे का दवाब बनाते हैं।
नौकरी के नाम पर बुलाए गए युवकों को नेटवर्किंग कारोबार में रिश्तेदारों को जोडऩे का दवाब बना रहे हैं। इस व्यवस्था में कई युवक फंस गए हैं। जैसे-जैसे रायबरेली से आए परिजन बेटे को इस काम से मुक्त कराकर वापस ले गए। आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद युवक ने परिजनों से बताया कि बीस हजार रुपए जमा कराने के बाद नेटवर्किंग काम कराते हैं और रिश्तेदारों को जोडऩे का दवाब बनाते हैं।
नेटवर्किंग कारोबार को नौकरी बता वसूल रहे 20 हजार रुपए
नौकरी दिलाने के नाम पर दस हजार रुपए ले लिया और अब बेटे से बात नहीं करने दे रहे हैं। अब तक बेटे से दो बार फोन पर बात हुई जिसमें बेटे ने यह नहीं बताया कि वह कौन सी नौकरी कर रहा है। बार-बार बेटा यही बोल रहा है कि पापा मुझे यहां से निकाल ले चलो, मैं यह नौकरी नहीं कर सकता। अगर मुझे चाहते हो तो मुझे बचा लो।
नौकरी दिलाने के नाम पर दस हजार रुपए ले लिया और अब बेटे से बात नहीं करने दे रहे हैं। अब तक बेटे से दो बार फोन पर बात हुई जिसमें बेटे ने यह नहीं बताया कि वह कौन सी नौकरी कर रहा है। बार-बार बेटा यही बोल रहा है कि पापा मुझे यहां से निकाल ले चलो, मैं यह नौकरी नहीं कर सकता। अगर मुझे चाहते हो तो मुझे बचा लो।
न्याय के लिए दो दिन से भटक रहा पीडि़त परिवार
बेटे को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पीडि़त परिवार दो से दिन सिविल लाइंस थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भटक रहा है। गुरुवार को जैसे-जेसे पीडि़त परिवार गया प्रसाद और उसके रिश्तेदार पुलिस अधीक्षक से मिले। पुलिस अधीक्षक ने परिजनों से कहा कि आवेदन दे दो दिखवाता हूं। पीडि़त परिवार देरशाम तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में बैठे रहे।
बेटे को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पीडि़त परिवार दो से दिन सिविल लाइंस थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भटक रहा है। गुरुवार को जैसे-जेसे पीडि़त परिवार गया प्रसाद और उसके रिश्तेदार पुलिस अधीक्षक से मिले। पुलिस अधीक्षक ने परिजनों से कहा कि आवेदन दे दो दिखवाता हूं। पीडि़त परिवार देरशाम तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में बैठे रहे।
वर्जन…
हां। इस तरह का आवेदन मिला है, हकीकत क्या है जांच के बाद पता चलेगा। कुछ दिन पहले ऐसा ही एक मामला बिहार का आया था। जिसकी जांच कराने पर पता चला कि पैसे का लेन देन है। पिता ने शिकायत की है। जांच करा रहा हूं।
आबिद खान, पुलिस अधीक्षक
हां। इस तरह का आवेदन मिला है, हकीकत क्या है जांच के बाद पता चलेगा। कुछ दिन पहले ऐसा ही एक मामला बिहार का आया था। जिसकी जांच कराने पर पता चला कि पैसे का लेन देन है। पिता ने शिकायत की है। जांच करा रहा हूं।
आबिद खान, पुलिस अधीक्षक