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बरसात के दिनों में बाघ जंगल छोड़ गांव की ओर क्यों भागते हैं, यहां जानिए असली वजह

locationरीवाPublished: Jul 17, 2019 09:19:18 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

जंगल से लगे गांवों में बाघों की हलचल पर नजर रखेंगा वन विभाग- डढ़वा गांव में बाघ आने के बाद से जिले भर में किया गया अलर्ट- सप्ताह भर के भीतर कई स्थानों से बाघ के हलचल की मिली सूचनाएं
 

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In the rainy days, the tigers leave the forest and flee to the village


रीवा। बरसात के सीजन में जंगल से लगे गांवों में बाघों की हलचल बढ़ती जा रही है। गुढ़ के डढ़वा गांव में बाघ मिलने के बाद वन विभाग ने अपने मैदानी अमले को अलर्ट कर दिया है। वह अपने क्षेत्र के गांव वालों के संपर्क में रहेंगे। किसी तरह की बाघ से जुड़ी हलचल की खबर पर विभाग का अमला तुरंत मौके पर पहुंचेगा। डढ़वा गांव में बाघ आने के बाद से क्षेत्र के लोगों में भय बन गया है। यहां से जंगल अधिक दूर नहीं है, इसलिए दोबारा फिर बाघ या अन्य जंगली जानवर यहां पहुंच सकता है। बताया जाता है कि बरसात के दिनों में बाघ जंगल से भटककर गांवों की ओर आते हैं।
वन विभाग के उप वनमंडलाधिकारी ऋषि कुमार मिश्रा की मानें तो बाघ जंगल में जहां भी चलता है वह अपने पेशाब से माॄकग करता है और दोबारा उसे ही सूंघकर यह अंदाजा लगाता है कि यह क्षेत्र उसी का है। बरसात के दिनों में बारिश होने के कारण यह मार्किंग धुल जाती है। इसलिए वह जंगल का रास्ता भटक जाता है और गांवों की ओर पहुंच जाता है। इसके साथ ही जब अपने इलाके से बाघ भटकता है तो दूसरे क्षेत्र के बाघ से उसकी भिडं़त हो जाती है और जो कमजोर पड़ता है वह जंगल छोड़कर स्वयं भागने लगता है।
सीधी का संजयगांधी नेशनल पार्क रीवा के जंगलों से जुड़ा हुआ है। वहां पर 18 की संख्या में बाघ इनदिनों बताए जा रहे हैं, जो आए दिन आसपास के जंगलों में भटककर पहुंच रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो रीवा में संजयगांधी नेशनल पार्क और पन्ना नेशनल पार्क के बाघ कई बार आते रहे हैं। बारिश के सीजन में अधिक संख्या में भटकते हैं, इसलिए अमले को अलर्ट किया गया है।

– सप्ताह भर के भीतर कई जगह से मिली सूचनाएं
सप्ताह भर के भीतर रीवा और आसपास के जिलों के लगे जंगलों में बाघ होने की कई सूचनाएं मिली हैं। मुकुंदपुर फारेस्ट रिजर्व क्षेत्र के हरियरी गांव, सीधी के भंवरसेन और बघवार से लगे जंगल के साथ ही रीवा जिले के बरदहा घाटी और सेमरिया क्षेत्र के ककरेड़ी के जंगलों में बाघ की गतिविधियों की सूचनाएं मिली थी। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जो बाघ डढ़वा गांव में पकड़ा गया है, अधिकांश हिस्सों में इसी की गतिविधि हो सकती है।

– टाइगर रिजर्व पहचान की कर रहा प्रक्रिया
डढ़वा गांव में पकड़े गए बाघ को संजय गांधी टाइगर रिजर्व सीधी ले जाया गया है। वहां के विशेषज्ञों की टीम यह पहचान करने में जुटी हुई हैं कि उक्त बाघ टाइगर रिजर्व से ही निकला हुआ बाघ है या फिर किसी दूसरे क्षेत्र के जंगल से आया है। टाइगर रिजर्व के अधिकारी पकड़े गए बाघ की अपने यहां के बाघों की फोटो और वीडियो से मिलान करेंगे। अधिकारियों की मानें तो टाइगर रिजर्व का ही बाघ होने की संभावना अधिक है।

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