रीवा

तीन साल से जानकारी नहीं देने सूचना आयोग सख्त, सरकार तक मचा हड़कंप

सरकारी कार्यालयों में सूचना अधिकार को लेकर अधिकारियों की मनमानी पर सूचना आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। तीन साल से सूचना के अधिकार में जानकारी नहीं देने पर लोक निर्माण के अधीक्षण यंत्री व्हीके झा, कार्यपालन यंत्री हरि सिंह ठाकुर व नरेन्द्र शर्मा को 28 अगस्त को भोपाल बुलाया है।

रीवाAug 23, 2019 / 12:07 pm

Lokmani shukla

Information Commission strict about giving information for not three years

रीवा। सरकारी कार्यालयों में सूचना अधिकार को लेकर अधिकारियों की मनमानी पर सूचना आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। तीन साल से सूचना के अधिकार में जानकारी नहीं देने पर लोक निर्माण के अधीक्षण यंत्री व्हीके झा, कार्यपालन यंत्री हरि सिंह ठाकुर व नरेन्द्र शर्मा को 28 अगस्त को भोपाल बुलाया है। साथ 25 हजार रुपए जुर्माना अदा करने नोटिस दिया है। साथ ही इस मामले में इंजीनियर एन चीफ को डीम्ड लोक सूचना अधिकार बनाया।
लोकनिर्माण विभाग में पदस्थ सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीनिवास तिवारी ने सूचना के अधिकार अंतर्गत क्रमोन्नति एवं वे वेतनमान संबंधित जानकारी मांगी थी। लेकिन यह जानकारी तीन साल तक विभाग के अधिकारियों ने नहीं दी है।
बताया जा रहा है श्रीनिवास तिवारी ने दिनांक 19 जुलाई 2016 सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अपने क्रमोन्नत और वेतनमान संबंधित जानकारी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग से मांगी। 3 साल बीत जाने के बाद भी उनको जानकारी नहीं दी। इस बीच प्रथम अपील पर अधीक्षण यंत्री ने चार बार कार्यपालन यंत्री को जानकारी देने के लिए कहा इसके बावजूद कार्यपालन यंत्री फाइल दबाए बैठे रहे।
मामले की सुनवाई के दौरान सूचना आयोग में लोक चीफ इंजीनियर इन चीफ आरके मेहरा को डीम्ड लोक सूचनाा अधिकारी बनाते हुए धारा 18 के तहत उनको व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आयोग के समक्ष 28 अगस्त को हाजिर होने के लिए कहा है । साथ ही अधीक्षण यंत्री रीवा पीके झा को भी व्यक्तिगत सुनवाई के लिए हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। वहीं राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री हरिसिंह ठाकुर वर्तमान कार्यपालन यंत्री नरेन्द्र शर्मा दोनों के खिलाफ 25000 का जुर्माना और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दोनों अधिकारियों को भी व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 28 अगस्त को हाजिर होने के लिए निर्देशित किया है। सूचना आयुक्त ने इंजीनियर इन चीफ आरके मेहरा को दस हजार रुपये का हर्जाना भी श्रीनिवास तिवारी को देने के आदेश दिए है।
आयोग बोला नीचले स्तर में व्यवस्था ध्वस्त
मामले की सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा हरि सिंह ठाकुर कार्यपालन यंत्री ने श्रीनिवास तिवारी के प्रति एरियर भुगतान प्रकरण में द्वेष पूर्ण रवैया रखा हुआ था और बाद में जब आरटीआई आवेदन आया तो उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के विपरीत द्वेष पूर्ण कार्रवाई करते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। सिंह ने जिम्मेदार अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए यह भी कहा कि सूचना के अधिकार कानून के प्रति घोर उपेक्षा देखनेेे से यह प्रतीत होता है कि सूचना का अधिकार कानून की व्यवस्थाएं निचले स्तर पर ध्वस्त हो चुकी हैं।
दस साल से भटक रहा है कमर्चारी
आरटीआई आवेदनकर्ता लोक निर्माण विभाग में रीवा में पदस्थ रहे समय पाल श्रीनिवास तिवारी वर्ष 2010 में रिटायर हो गए थे। तब से लेकर आज तक वे अपने वेतन से संबंधित एरियर के भुगतान के लिए भटक रहे। हाईकोर्ट के आदेश बावजूद समस्या जस की तस रही। इस पर सूचना आयुक्त ने नाराजगी जताई है।
 

 

 

 

 

 

 

 
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