scriptकमलनाथ के दूतों को नगर निगम में मिली ऐसी गड़बड़ी जिसे जान रह गए दंग, जानिए निरीक्षण में क्या मिली खामियां | Inspection of Municipal Corporation on the instructions of CM | Patrika News

कमलनाथ के दूतों को नगर निगम में मिली ऐसी गड़बड़ी जिसे जान रह गए दंग, जानिए निरीक्षण में क्या मिली खामियां

locationरीवाPublished: Dec 29, 2018 08:31:57 pm

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

अधूरी फाइलें देख चौक गए जांच अधिकारी, बोले कैसे मिलती रही स्वीकृति, राज्य सरकार के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम भोपाल से आई है, 2 जनवरी 2015 के बाद स्वीकृत हर फाइल की हो रही पड़ताल

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Inspection of Municipal Corporation on the instructions of CM

रीवा। नगर निगम के कामकाज की जांच करने भोपाल से रीवा पहुंची टीम ने दूसरे दिन भी लगातार दस्तावेजों की पड़ताल की। सुबह कार्यालय खुलने के समय से लेकर देर शाम तक फाइलें खंगाली गई। इस बीच कईफाइलें अधूरी पाए जाने पर जांच अधिकारी हतप्रभ रह गए। उन्होंने निगम के अधिकारियों से सवाल पूछे कि आखिर अधूरी फाइलों में कार्यकैसे स्वीकृत किए जाते रहे। शासन के नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया। हालांकि निगम के अधिकारियों ने अपने तर्कइसके लिए दिए और बताया कि फाइल के अन्य दस्तावेज कहां पर हैं। भोपाल से टीम आने की खबर पर दो दिनों से निगम कार्यालय में सनाका खिंचा हुआ है। हर अधिकारी, कर्मचारी जांच टीम को दस्तावेज उपलब्ध कराने में ही व्यस्त रहे। इस वजह से अपने कार्यलेकर निगम कार्यालय पहुंचने वाले शहर के आम लोगों को मायूष होकर ही लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर निगम के कामकाज की जांच की जा रही है। रीवा में 2 जनवरी 2015 से नई परिषद का कार्यकाल प्रारंभ हुआ है। तब से लेकर अब तक स्वीकृत किए गए कार्यों का दस्तावेज लिया है। मेयर इन काउंसिल एवं निगम परिषद की हर बैठक की जांच की जा रही है, जिसमें शासन के निर्देशों एवं उसके पालन की कार्यवाही को जांचा जा रहा है। इस तरह की जांच रीवा के साथ ही ग्वालियर एवं छिंदवाड़ा के नगर निगमों की भी प्रारंभ की गईहै। रीवा पहुंचे जांच दल में प्रमुख रूप से पीएन पाण्डेय अपर संचालक नगरीय प्रशासन विभाग, राजीव गोस्वामी अधीक्षण यंत्री एवं एजे एक्का लेखाधिकारी नगरीय प्रशासन संचालनालय आदि शामिल रहे। दो दिनों तक चली जांच में प्रमुख रूप से नगर निगम में वित्तीय शक्तियों के प्रयोग, नवीन लेखा नियमों का अनुपालन, डबल एंट्री सिस्टम का क्रियान्वयन, नगर पालिक निगम अधिनियम के पालन, आडिट आपत्तियों, वित्तीय प्रबंधन, भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं की राशि के क्रियान्वयन, निगम परिषद एवं मेयर इन काउंसिल के कार्यांे आदि की जांच की जा रही है।
स्कीम नंबर 6 की मांगी जानकारी
शहर के स्कीम नंबर छह की शिकायत सामाजिक कार्यकर्तासंजय सिंह बघेल ने जांच टीम से की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि निगम के अधिकारियों ने नियम विरुद्ध तरीके से मकान बनवा दिए। जांच टीम के प्रमुख पीएन पाण्डेय ने तत्काल निगम के अधिकारियों को बुलाकर स्कीम नंबर 6 के बारे में समझा और उसके भी दस्तावेज लिए। इसके अलावा नेहरू नगर में स्टार्म वाटर डे्रनेज के नाम पर घपले के साथ ही वार्ड२१ में भाजपा पार्षद के कहने पर सड़क और नाली नहीं बनाए जाने की भी शिकायत की। उन्होंने इस मामले में वार्ड१३ की पार्षद द्वारा अलग-अलग अधिकारियों को लिखे गए २३ पत्रों की छायाप्रति भी सौंपी। जिसमें निगम के एसडीओ एचके त्रिपाठी के कार्यों की भी जांच कराने की मांग शामिल है।
दस्तावेज लेकर टीम भोपाल रवाना
चार वर्षके कार्यकाल की हर फाइल की पड़ताल करना दो दिन में मुश्किल था। इसलिए जांच अधिकारियों ने सभी प्रमुख फाइलों की फोटोकापी ले ली है। जहां संदेह हुआ, वहां पर मौके पर ही निगम के अधिकारियों से जानकारी ले ली। इसके बाद कहा हैकि भोपाल में सभी दस्तावेजों का परीक्षण किया जाएगा। इसमें कुछ कमियां समझ में आएंगी तो निगम के अधिकारियों को भोपाल भी बुलाया जाएगा। रिपोर्ट शासन को सप्ताह भर के भीतर सौंपनी थी, लेकिन जांच में अभी लंबा समय लगेगा, इसलिए सीएम से समय मांगे जाने की तैयारी की जा रही है।
फाइलों का परीक्षण किया गया
पीएन पाण्डेय, अपर संचालक संचालनालय भोपाल ने बताया कि दो दिनों तक नगर निगम की फाइलों का परीक्षण किया गया, चार वर्ष का कार्यकाल है, इसलिए समय लगेगा। सभी प्रमुख दस्तावेजों की फोटो कापी ले ली है।अब भोपाल में सभी का परीक्षण करेंगे। जैसा भी मामला सामने आएगा, इसकी रिपोर्टशासन को सौंपेंगे।
कांग्रेस पार्षदों का प्रतिनिधि मंडल जांच टीम से मिला
कांग्रेस पार्षदों का प्रतिनिधि मंडल जांच टीम से मिला और ज्ञापन देकर मांग उठाई की नगर निगम में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। धनेन्द्र सिंह बघेल के नेतृत्व में पहुंचे लोगों ने आरोप लगाया कि 64 लाख रुपए का निर्माण कार्यों का टेंडर किया गया, इसकी प्रक्रिया संदेहास्पद है। बजट कहां से आया निगम ने कोई जानकारी नहीं दी है। इसी तरह 1.74 करोड़ रुपए के पैचवर्क का टेंडर हुआ, निगम के अधिकारियों ने राशि आहरित करा दी लेकिन काम कहीं भी शहर में नहीं दिख रहा है। इसके अलावा सीवरेज, पेयजल, स्टार्म वाटर ड्रेनेज, सड़क एवं नाली निर्माण सहित अन्य कई बिन्दुओं की शिकायत सौंपी है।
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