कांग्रेस नेताओं को निगम-मंडल में पद देने से पहले पार्टी करा रही इस तरह का आंतरिक सर्वे, नेताओं में हलचल बढ़ी
रीवाPublished: Dec 05, 2019 11:04:11 am
- एआइसीसी के पर्यवेक्षक कई दिनों से कर रहे आंतरिक सर्वे, अब प्रभारी सचिव भी आएंगे
- निगम, मंडलों में नियुक्तियों से पहले कार्यकर्ताओं की पूछी जा रही पसंद


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रीवा। लंबे समय के बाद सत्ता में वापसी कांग्रेस की हुई है। उसमें भी रीवा से एक भी विधायक नहीं जीता। जिसकी वजह से यहां के नेताओं को सत्ता सुख नहीं मिल पा रहा है। लगातार मुख्यमंत्री से एवं संगठन के भीतर मांगे उठती रही हैं कि नेताओं को निगम, मंडलों में पद दिए जाएं। इस पर अब कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि ऐसे नाम तय करने से पहले कार्यकर्ताओं से उनके बारे में जाना जाएगा। इसलिए विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के जिस फार्मूले को अपनाया गया था, उसी के अनुसार अब आंतरिक सर्वे शुरू किया गया है। इसमें पार्टी के पर्यवेक्षकों से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
एआइसीसी एवं पीसीसी के अलग-अलग पर्यवेक्षकों ने अपने स्तर पर कुछ नाम तय किए हैं। कार्यकर्ताओं के बीच इन नामों को लेकर कितनी सहमति है, इसके लिए जानकारी ली जा रही है। इनदिनों पार्टी के कई पर्यवेक्षक रीवा पहुंचे हैं। प्रभारी सचिव सुधांशु त्रिपाठी भी रीवा आएंगे, हालांकि आधिकारिक रूप से उनका दौरा आगामी १४ दिसंबर को होने वाली दिल्ली में रैली पर फोकस है लेकिन कुछ प्रमुख नामों का सुझाव उनकी ओर से भी पीसीसी को भेजा जाएगा।
कुछ दिन पहले भोपाल में जिला अध्यक्षों एवं प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश महासचिव दीपक बावरिया ने स्पष्ट किया है कि दूसरे दलों से जो नेता आए हैं, उन्हें संगठन का कार्य दिया जाएगा और निगम-मंडलों में होने वाली नियुक्तियों में पुराने कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को महत्व मिलेगा। कुछ ब्लाकों के नेताओं ने कई ऐसे नामों को सुझाया है, जो दूसरे दलों से आए हैं।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे लोगों को पद मिलने से संगठन को मजबूती मिलेगी। पीसीसी में जिले के कई नेताओं ने अपने लिए पद की मांग का आवेदन पहले ही कर दिया है। इसमें कई ऐसे भी नेता हैं जिनका संगठन में कोई बड़ा योगदान नहीं रहा है। इस संबंध में जिला कमेटी से भी जानकारी मांगी गई है।
बताया जा रहा है कि विधानसभा एवं अन्य चुनाव हारे नेताओं के साथ ही पूर्व विधायकों द्वारा भी पद पाने की जोर अजमाइश की जा रही है। दूसरे दलों से आए पूर्व सांसद, पूर्व विधायकों को भी उम्मीद है कि सरकार उन्हें भी अवसर देगी।