मेडिकल कॉलेज का विस्तार कार्य चल रहा है। इसके लिए पुराने टीवी वार्ड और मानसिक वार्ड को जाने वाली सड़क से डंपर और ट्रक सामग्री लेकर आते हैं। सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। खुदाई के दौरान लगे मिट्टी के ढेर बहने लगे हैं। बारिश होने पर सड़क से निकलना दुश्वार हो गया है। पूरी सड़क कीचड़ से सनी है। गड्ढों में पानी भर गया है। जिससे पैदल भी चलना दुभर है। मानसिक विभाग के गेट के सामने स्थिति बदतर है। डॉक्टर कॉलोनी जाने का मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। नर्सों के आवास को जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। दूसरे मार्ग से नर्सिंग स्टॉफ और पैरामेडिकल स्टॉफ कॉलोनी तक पहुंच रहा है। मालूम हो कि मेडिकल परिसर में लेक्चर थियेटर, दो प्रशासनिक भवन और डिपार्टमेंट लाइब्रेरी का निर्माण चल रहा है।
रोज गिरते हैं मरीज-परिजन
मंगलवार को सीधी के रमेश डॉक्टर से इलाज की सलाह के लिए कॉलोनी की ओर पैदल जा रहे थे, अचानक संतुलन बिगड़ा और वह गिर गए। उनके कपड़े कीचड़ से खराब हो गए। यह रोज का हाल है। मरीज-परिजन कॉलोनी तक बच-बचके जाते हैं। ऑटो वाले भी सड़क पर बच-बचके चलते हैं। गड्ढों में फंसकर पलटने का खतरा रहता है। वहीं डॉक्टरों की गाडिय़ां भी गड्ढों में फंस जाती हैं।
रात में अनहोनी का है भय
डॉक्टरों का कहना है कि सबसे अधिक डर रात में है। मार्ग में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था है लेकिन सड़क पर पानी भरा होने के कारण गड्ढे नजर नहीं आते हैं। कीचड़ होने के कारण वाहन कहां फंस जाएगा कहा नहीं जा सकता है। कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। मरीज भी दूर-दराज से इमरजेंसी में रिक्शे से आते हैं। उनके साथ अनहोनी का भय है।इसलिए बच्चों को इस सड़क से रात में आने-जाने से मना किया गया है।
गुहार लगाई, एजेंसी ने सुनी नहीं
निर्माण एजेंसी पीआईयू है। कई बार मेडिकल कॉलेज के डीन डॅा. पीसी द्विवेदी पीआईयू के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। उनका कहना है कि कम से कम आने-जाने की सड़क तो सुरक्षित रखी जाए लेकिन पीआईयू के अधिकारी आश्वासन देकर भूल गए। सड़क का मरम्मतीकरण नहीं किया। बारिश में सड़क दिनोंदिन खराब होती जा रही है।