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दिहाड़ी काम करने वालों के लिए तीन सप्ताह काटना होगा मुश्किल

locationरीवाPublished: Mar 27, 2020 06:41:56 pm

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

प्रशासन की ओर से कोई जिम्मेदार अब तक हाल पूछने तक नहीं पहुंचा

It will be difficult for daily workers to spend three weeks

It will be difficult for daily workers to spend three weeks

रीवा। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन करने का असर उन परिवारों पर सीधे तौर पर पड़ रहा है जो दिहाड़ी रूप से काम करते रहे हैं। पूरा शहर बंद होने की वजह से उनका रोजगार भी ठप हो गया है। हर दिन कमाने और उसी से राशन की व्यवस्था करने वालों के लिए अब बड़ा संकट उत्पन्न होने लगा है। केन्द्र सरकार ने राहत की घोषणा तो की है लेकिन वह इन गरीबों तक कब पहुंचेगी इसकी समय सीमा अभी तय नहीं हुई है। स्थानीय स्तर पर प्रशासन का अमला अब तक ऐसी बस्तियों तक नहीं पहुंचा है। कुछ जनप्रतिनिधि जरूर पहुंंच रहे हैं और कोरोना संक्रमण के बारे में बताकर सफाई व्यवस्था का ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान पर रीवा को भी 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। इस अवधि तक गरीबों के झोपड़े में भोजन का इंतजाम नहीं है। कुछ परिवार ऐसे हैं जो करीब सप्ताह भर का समय गुजार सकते हैं लेकिन अधिकांश के सामने अब पेट भरने का संकट उत्पन्न होने जा रहा है। शहर के वार्ड क्रमांक १४ में स्थित स्लम बस्ती में कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास राशन की कमी होने लगी है। बस्ती के लोगों का कहना है कि जो कुछ पैसे हैं उससे खरीदने के लिए यदि बाहर निकलते हैं तो पुलिस लाठियां मारती है।
कीटनाशकों का छिड़काव नहीं हो रहा
बस्ती के लोगों ने कहा कि उनके यहां गंदगी हर समय बनी रहती है। नगर निगम पहले कर्मचारियों को भेजकर कीटनाशकों का छिड़काव कराता था लेकिन इस समय वह भी बंद हो गया है। प्रशासन की ओर से कोई नहीं आया है। पार्षद रूपा जायसवाल और उनके पति राजकुमार ने समस्याएं पूछी हैं और अधिकारियों से फोन पर बात भी किया था, जहां से आश्वासन मिला था कि आएंगे लेकिन कोई नहीं आया। पड़ोस के मोहल्ले में दवा का छिड़काव करने वाली गाड़ी आई थी, इसलिए उन्हें भी उम्मीद है कि बस्ती में भी इंतजाम होगा।

वार्ड 43 की इस बस्ती में लोग कई लोग बीमार, संक्रमण का खतरा
शहर के वार्ड क्रमांक 43 के स्लम बस्ती में कई लोगों के बीमार होने की सूचना है। यहां के कई युवा दूसरे शहरों में काम करते हैं। कोरोना की वजह से उन्हें छुट्टी पर रीवा भेज दिया गया है। बस्ती के लोगों को भी आशंका है कि उनके यहां भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। कई लोग बुखार और खांसी से पीडि़त हैं, इसलिए आशंका है कि यहां भी संक्रमण आ सकता है। जिसके चलते लगातार मांग उठाई जा रही है कि मोहल्लों को सेनिटाइज किया जाए। बस्ती के निवासी अरविंद सतनामी, रामभुवन कोल, ममता, मुन्ना साकेत आदि ने बताया कि भले ही कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन हर जगह आशंका है तो उनकी ओर से भी मांग उठाई जा रही है कि मोहल्ले में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाए। वार्ड 43 के निवर्तमान पार्षद मनोज सिंह ने बताया कि लोगों की आशंका को देखते हुए निगम के अधिकारियों से मांग उठाई गई है कि पूरी बस्ती को सेनेटाइज किया जाए। सूचना के बाद भी अभी तक निगम की ओर से गंभीरता नहीं बरती गई है।
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