रीवा

जैन साध्वी ने अंतिम इच्छा में पेश किया क्षमा का सबसे बड़ा उदाहरण

कहा-हादसे के जिम्मेदार बाइक सवार पर पुलिस न करे कार्रवाई, श्रमणी आर्यिका विभूतिश्री माताजी के निधन पर शोक की लहर, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

रीवाMay 14, 2018 / 07:09 pm

Manoj singh Chouhan

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रीवा. इस काम के लिए यह दोषी नहीं है, यह मेरे कर्मों के अनुसार भगवान ने निर्धारित किया है। इसमें इस बाइक सवार का कोई दोष नहीं है। इसलिए इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाए। यह अंतिम इच्छा हादसे में घायल श्रमणी आर्यिका विभूतिश्री माताजी ने जताई। रविवार सुबह टिकुरी-37 में हादसे के बाद जैसे ही श्रमणी आर्यिका विभूतिश्री माताजी के निधन की जानकारी मिली क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लग गई।
बताया गया कि गणाचार्य श्री 108 विराग सागर की शिष्या श्रमणी आर्यिका विभूतिश्री माताजी टीकमगढ़ से संघ के साथ में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर की ओर पैदल विहार कर रही थीं। मनगवां के टिकुरी में वह बाइक की टक्कर लगने से घायल हो गईं। घटना में बाइक सवार भी घायल हो गया, उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं साध्वी विभूतिश्री ने किसी प्रकार की दवा लेने से इंकार कर समाधि लेने की इच्छा जताई।
इसके बाद व ग्राम टिकुरी में समाधि ली। तीन घंटे आद निधन पर टिकुरी-37 में ही अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए आसपास की ग्रामीणों की भीड़ लग गई। वहीं, इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष नेमीचंद्र जैन, उपाध्यक्ष अतुल जैन, दिनेश जैन, आरके जैन, राजेश सिंघई, नितिन जैन, मीना जैन, मनोज नायक, राजेश जैन उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त पन्ना, छतरपुर, सतना जिले से बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग पहुंचे।
 

 

विभूतिश्री ने ली समाधि
दिगंबर जैन समाज के उपाध्यक्ष अतुल जैन ने बताया कि जैन समाज की विदुषी विभूतिश्री ने क्षमा का बड़ा उदाहरण देते हुए पुलिस कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। वहीं पुलिस ने उनकी भावना व इच्छानुसार सम्मान करते हुए साध्वी का पोस्टमार्टम नहीं कराया। विदुषी विभूतिश्री ने समाधि के बाद 10 बजे पार्थिव शरीर छोड़ दिया था। इसके बाद लोगों के अंतिम दर्शन के लिए टिकुरी पंचायत के सरपंच सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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