– अंशपूंजी के बहाने मदद की तैयारी
सहकारी समितियों को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने अंशपूंजी की राशि में मदद करने की तैयारी की है। आरबीआइ की गाइडलाइन के अनुसार समितियों के घाटे की भरपाई अंशपूंजी में राशि जमाकर की जाएगी। बताया गया है कि रीवा जिले में 143 कृषि साख सहकारी समितियों को 4.12 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की गई है। जबकि अभी पांच समितियों की अंशपूंजी में यह मदद मिलना बाकी है।
सहकारी समितियों के संचालक मंडल का चुनाव भी होना है। पहले से ही 134 समितियां घाटे में चल रही हैं, जिनमें चुनाव हो पाना संशय में था। अब कर्जमाफी की बड़ी राशि जो समितियां डूबत ऋण में समायोजित कर रही हैं, इसकी वजह से सभी में घाटा होगा। ऐसी स्थिति में चुनाव के लिए समितियां पात्र नहीं होंगी। सरकार की ओर से भी अभी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है, इसलिए पुराने नियमों के तहत चुनाव हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का दावा है कि समितियां स्वयं का चुनाव तो करा सकेंगी लेकिन बैंक के संचालक मंडल के चुनाव में वोट डालने के लिए पात्र नहीं होंगी। इस पर शासन के दिशा निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।
– किसानों ने कर्जमाफी के लिए कराया पंजीयन- 60268
– जनपदों ने सत्यापन किया- 45272
– अपेक्स बैंक ने डाटा फीड किया- 43708
– कर्जमाफी के लिए स्वीकृत संख्या- 33931
– कर्जमाफी के लिए कुल राशि का प्रस्ताव- 112 करोड़
– किसानों की कर्जमाफी की राशि- 73.71 करोड़
– सरकार से बैंक को मिली राशि- 45.86 करोड़
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किसानों के कर्जमाफी की राशि का आधा हिस्सा सरकार ने बैंक को दे दिया है। बाकी हिस्सा समितियों को वहन करना है। सरकार ने कहा है कि जो घाटा होगा उसमें मदद दी जाएगी। समितियों को अंशपूंजी की राशि मिली है। उम्मीद है आने वाले समय में सभी समितियां घाटे से उबरेंगी।
आरएस भदौरिया, सीइओ- जिला सहकारी बैंक रीवा