फाइवर के हाथी-घोड़े व अन्य दर्जन भर बड़े व छोटे खिलौने रखे हुए हैं। इन खिलौनों के ऊपर भारी मात्रा में धूल जमी हुई है। अक्सर इन खिलौनों के साथ बच्चों को खेलते हुये देखा जा सकता है। इससे आउटडोर में इलाज कराने आने वाले परिजनों काफी आराम रहता है और बच्चे खेलते रहते हैं जिससे उन्हें परेशानी नहीं होती। लेकिन इस बात से मासूम बच्चे व परिजन अनजान रहते हैं कि उनका मासूम बच्चा जिस खिलौने से खेल रहा है वह उसके लिए खतरनाक हो सकता है।
बच्चों को यह पता नहीं है कि यह खिलौने इतने हार्ड व टूटे-फूटे हैंैं। सभी खिलौने टूटे-फूटे व धूल से भरे हुए हैं। इन टूटे फूटे खिलौनों से यदि किसी दिन खेलते समय किसी बच्चे को गंभीर चोट लग गई तो परिजनों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जायेगी। जिसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा। लेकिन उसके बाद भी किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
मासूम बच्चों को संक्रमण का खतरा
मासूम बच्चों का शरीर कोमल होता है। संजय गांधी अस्पताल के आउटडोर में रखे खिलौने बच्चों के लिए संक्रमण का खतरा बन सकते हैं। इन पर धूल और कचरा जमा हैं, वह बच्चे के कोमल शरीर में इंफेक्शन फैला सकती है।