जानकारी के मुताबिक होली के दिन जब सभी रंग-गुलाल की मस्ती में थे। आरोप है कि उसी बीच आरोपी नवीन शुक्ला उर्फ सोनू अपने घर से होली मिलन के लिए बाहर निकला था जैसे ही वह मुलायम खान नामक युवक के दुकान के पास पहुंचा उसी समय अशोक गुप्ता सहित अन्य चार लोगों ने उस पर रॉड से हमला कर दिया। उस मारपीट में अशोक गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अन्य लोग जख्मी हो गए। मारपीट की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने 8 लोगों को नामजद आरोपी बनाया था। नवीन शुक्ला पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया था। इस संबंध में दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस पर ही उसे लापता कराने का आरोप लगाया। उधर पुलिस नवीन की तलाश में जुटी रही। इसी बीच नवीन ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सरेंडर कर दिया।
नवीन ने मीडिया को बताया कि जिस हत्या के आरोप में पुलिस मुझे तलाश रही थी उस मृतक अशोक गुप्ता राजेश गुप्ता सहित अन्य चार लोगों ने उस पर लोहे की रॉड से जानलेवा हमला किया था जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के लिए मऊगंज पुलिस ने पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊगंज में भर्ती कराया था जहां से उसे संजय गांधी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। दो दिनों से संजय गांधी अस्पताल में इलाज करा रहा था। इस बीच पता चला कि उसे हत्यारोपी बना दिया गया है तो वह पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात कर अपनी बात रखना चाहता था।
उधर एसपी कार्यालय में आरोपी को देख पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने आनन-फानन में इसकी खबर मऊगंज पुलिस को दी। अब मऊगंज पुलिस नवीन शुक्ला से पूछताछ में जुट गई है। उधर कुछ लोगों का कहना है कि नवीन शुक्ला को यह आभास हो गया था कि उसके द्वारा गांव के समीप सरकारी जमीन पर बनाए गए मकान और दुकान को पुलिस किसी भी समय अतिक्रमण बताकर तोड़ सकती लिहाजा उसके वकील ने सलाह दी कि यदि वह सरेंडर कर देता है तो शायद उसका बनाया हुआ मकान और दुकान टूटने से बच जाय। लेकिन जब तक वह सरेंडर कर अपनी बात पुलिस अधीक्षक के समक्ष रख पाता उसके पहले ही एसडीएम मऊगंज एपी दुबे के आदेश पर पुलिस की मौजूदगी में उसके मकान और दुकान को जेसीबी लगाकर तोड़ दिया गया। इसकी सूचना मिलते ही नवीन चक्कर खाकर एसपी दफ्तर में गिर गया। हालांकि इसकी पुष्टि पुलिस नहीं कर रही है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो घटना रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल के गृह ग्राम के होने के कारण पुलिस भी पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पहले तो नवीन शुक्ला को आरोपी बनाने से पुलिस कतरा रही थी लेकिन मृतक के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप के बाद पुलिस ने नवीन शुक्ला को आरोपी बना दिया था। अब नवीन शुक्ला ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि घटनास्थल से उसे उठाकर पुलिस ही लाई थी जो पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बाद में संजय गांधी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।