लंबे समय से बनी है किल्लत
केन्द्रीय जेल रीवा में एक लंबे समय से आवास की किल्लत बनी हुई है। दरअसल जेल में 228 कर्मचारियों के पद स्वीकृत है जिसमें 188 कर्मचारी अभी तैनात है। इनके लिए आवास की समस्या गंभीर बनी हुई है। वर्तमान में जेल के पास 82 आवास बने हुए है जबकि पदस्थापना के हिसाब से 106 आवासों की अभी आवश्यकता है। यदि जेल में सभी स्वीकृत पदों पर कर्मचारियों की तैनाती हो जाये तो संख्या बढ़कर लगभग डेढ़ सौ के आसपास पहुंच जायेगी।
केन्द्रीय जेल रीवा में एक लंबे समय से आवास की किल्लत बनी हुई है। दरअसल जेल में 228 कर्मचारियों के पद स्वीकृत है जिसमें 188 कर्मचारी अभी तैनात है। इनके लिए आवास की समस्या गंभीर बनी हुई है। वर्तमान में जेल के पास 82 आवास बने हुए है जबकि पदस्थापना के हिसाब से 106 आवासों की अभी आवश्यकता है। यदि जेल में सभी स्वीकृत पदों पर कर्मचारियों की तैनाती हो जाये तो संख्या बढ़कर लगभग डेढ़ सौ के आसपास पहुंच जायेगी।
समस्या से जूझ रहे कर्मचारी
जेल में शासकीय आवासों की समस्या से कर्मचारी लंबे समय से ूजूझ रहे है। इस समस्या दूर करने के लिए जेल प्रशासन भी कवायद में लगा हुआ है। जेल अधिकारियों द्वारा आवास निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है ताकि स्वीकृति मिलने पर निर्माण कार्य शुरू हो सके। जेल के पर्याप्त जमीन मौजूद है जहां बेहतर आवासों का निर्माण कराया जा सकता है।
जेल में शासकीय आवासों की समस्या से कर्मचारी लंबे समय से ूजूझ रहे है। इस समस्या दूर करने के लिए जेल प्रशासन भी कवायद में लगा हुआ है। जेल अधिकारियों द्वारा आवास निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है ताकि स्वीकृति मिलने पर निर्माण कार्य शुरू हो सके। जेल के पर्याप्त जमीन मौजूद है जहां बेहतर आवासों का निर्माण कराया जा सकता है।
किराए के कमरों में रह रहे कर्मचारी
जेल में पदस्थ जिन कर्मचारियों को शासकीय आवास आवंटित नहीं हुआ है वे किराए के कमरे में गुजर बसर कर रहे है। अधिकांश कर्मचारियों को किराए के कमरों में रहना पड़ रहा है जिनको शासन की रेट पर भत्ता प्रदान किया जाता है। हालांकि यह भत्ता वर्तमान समय में चल रहे किराए से काफी कम होता है जिससे कर्मचारियों को अपनी जेब से ही किराया अदा करना पड़ता है।
जेल में पदस्थ जिन कर्मचारियों को शासकीय आवास आवंटित नहीं हुआ है वे किराए के कमरे में गुजर बसर कर रहे है। अधिकांश कर्मचारियों को किराए के कमरों में रहना पड़ रहा है जिनको शासन की रेट पर भत्ता प्रदान किया जाता है। हालांकि यह भत्ता वर्तमान समय में चल रहे किराए से काफी कम होता है जिससे कर्मचारियों को अपनी जेब से ही किराया अदा करना पड़ता है।
मौजूद आवासों की हालत खस्ता, पीडब्लूडी मरम्मत नहीं दिखा रहा रुचि
जेल प्रशासन के पास वर्तमान समय में मौजूद आवासों की स्थिति भी कोई ज्यादा ठीक नहींं है। अधिकांश आवास काफी पुराने है और जर्जर हालत में है जिसकी वजह से बारिश के समय अधिकांश आवासों में पानी रिसता है जिससे इनमें रहने वाले परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जेल अधिकारियों ने लोक निर्माण विभाग से इन आवासों की मरम्मत के संबंध में चर्चा की लेकिन पीडब्लूडी के अधिकारी मरम्मत में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।
कालोनी में सड़क नदारत, कीचड़ से गुजरते हैं परिवार
जेल कालोनी में सड़क निर्माण नहीं हो पाया है। कालोनी के अंदर कच्ची सउ़क बनी हुई है जिसमें बरसात के समय कीचड़ हो जाता है। बारिश के बाद तो वाहन लेकर निकलना तो दूर पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। ऐसा नहीं है कि जेल अधिकारियों ने सड़क व नाली निर्माण का प्रयास नहीं किया। कई बार इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया लेकिन सड़क निर्माण नहीं हो पाई है।
जेल प्रशासन के पास वर्तमान समय में मौजूद आवासों की स्थिति भी कोई ज्यादा ठीक नहींं है। अधिकांश आवास काफी पुराने है और जर्जर हालत में है जिसकी वजह से बारिश के समय अधिकांश आवासों में पानी रिसता है जिससे इनमें रहने वाले परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जेल अधिकारियों ने लोक निर्माण विभाग से इन आवासों की मरम्मत के संबंध में चर्चा की लेकिन पीडब्लूडी के अधिकारी मरम्मत में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।
कालोनी में सड़क नदारत, कीचड़ से गुजरते हैं परिवार
जेल कालोनी में सड़क निर्माण नहीं हो पाया है। कालोनी के अंदर कच्ची सउ़क बनी हुई है जिसमें बरसात के समय कीचड़ हो जाता है। बारिश के बाद तो वाहन लेकर निकलना तो दूर पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। ऐसा नहीं है कि जेल अधिकारियों ने सड़क व नाली निर्माण का प्रयास नहीं किया। कई बार इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया लेकिन सड़क निर्माण नहीं हो पाई है।
भेजा जायेगा प्रस्ताव
जेल में कर्मचारियों के लिए आवासों की कमी है जिसके लिए प्रस्ताव शाासन को भेजा जा रहा है। स्वीकृति मिलने के बाद आवास का निर्माण शुरू हो जायेगा। जल्द समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जो पुराने आवास जर्जर है उनकी मरम्मत के लिए भी पीडब्लूडी अधिकारियों को जानकारी दी गई है।
रविशंकर सिंह, जेलर
जेल में कर्मचारियों के लिए आवासों की कमी है जिसके लिए प्रस्ताव शाासन को भेजा जा रहा है। स्वीकृति मिलने के बाद आवास का निर्माण शुरू हो जायेगा। जल्द समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जो पुराने आवास जर्जर है उनकी मरम्मत के लिए भी पीडब्लूडी अधिकारियों को जानकारी दी गई है।
रविशंकर सिंह, जेलर