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रीवा

आवारा मवेशियों को लेने से लक्ष्मणबाग गौशाला ने किया इंकार, उत्पन्न होगी बड़ी समस्या

– शहर की सड़कों पर धमाचौकड़ी मचा रहे मवेशी, पकडऩे का अभियान बना दिखावटी- लक्ष्मणबाग की कांजीहाउस व्यवस्था भी हुई बेपटरी
 

रीवाAug 19, 2019 / 12:50 pm

Mrigendra Singh

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lakshaman bag gaushala, Stray cattle rewa city



रीवा। शहर में आवारा घूम रहे मवेशियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन्हें पकड़कर गौशाला तक पहुंचाने का कार्य नगर निगम द्वारा किया जा रहा था। लेकिन अब लक्ष्मणबाग गौशाला प्रबंधन ने और मवेशी रखने से इंकार कर दिया है। परिसर की क्षमता का हवाला देते हुए कहा कि अब और मवेशी नहीं रख सकते, इसलिए नगर निगम द्वारा अतिरिक्त मवेशी पकड़कर लक्ष्मणबाग नहीं भेजे जाएं।
गौशाला प्रबंधन की ओर से नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि उनके यहां जानवर रखने की क्षमता 500 की है, इसलिए इससे अधिक संख्या में रख पाना मुश्किल है। इस तरह सीधे तौर पर गौशाला प्रबंधन द्वारा इसके पहले मवेशी नहीं पहुंचाए जाने का पत्र नगर निगम को नहीं लिखा जाता रहा है। गौशाला को नगर निगम द्वारा अनुदान भी दिया जाता रहा है और इसके पहलेे भी मवेशी लेने से उसका प्रबंधन इंकार करता रहा है लेकिन पत्र भेजकर इस तरह से रोक नहीं लगाई गई थी।
गौशाला के पत्र पर अब नगर निगम दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहा है क्योंकि शहर में अब तक कोई दूसरा कांजी हाउस नहीं बनाया गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व में गौशाला आंकड़ों की भी मनमानी करता रहा है, जिस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही थी। अब कुछ महीने से निगम ने यहां की व्यवस्थाओं पर नकेल कसने की तैयारी की है, जिसके चलते मवेशियों को लेना बंद कर दिया है।
– 500 जानवर पूरे होने का हवाला
गौशाला प्रबंधन ने कहा है कि 363 मवेशी पहले से गौशाला में रह रहे हैं, इधर 18 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक 208 और मवेशी नगर निगम द्वारा पहुंचाए गए हैं। गौशाला की क्षमता 500 मवेशी रखने की है, यह क्षमता अब पूरी हो चुकी है। इस वजह से शहर के अन्य जानवरों को रख पाना मुश्किल है।

– दुर्घटनाग्रस्त जानवरों के लिए समस्या
शहर में सड़कों पर बड़ी संख्या में जानवर बैठते हैं, वाहनों से आए दिन ये दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इन जानवरों को लक्ष्मणबाग गौशाला पहुंचाया जाता रहा है। अब इन्हें भी लेने से गौशाला प्रबंधन ने इंकार कर दिया है तो नगर निगम के लिए यह मुश्किल होगा कि ऐसे जानवरों को वह कहां पहुंचाता है।

– निगम का कांजीहाउस बन गया वाहन पार्किंग स्थल
नगर निगम का कांजी हाउस पहले संचालित होता था लेकिन कुछ वर्षों से यह बंद पड़ा था। अब इसे वाहन पार्किंग के लिए उपयोग किया जा रहा है। उक्त स्थल को व्यवसायिक योजना में शामिल कर शापिंग काम्पलेक्स बनाने का प्रस्ताव भी निगम दे चुका है। इसलिए अब कांजी हाउस के लिए कोई दूसरी जगह ही तलाश करनी होगी। इन विकल्पों पर नगर निगम अब विचार कर रहा है।

– गांवों में बना रहे गौशाला, शहर में ध्यान नहीं
आवारा मवेशियों के लिए गांवों में तो सरकार ने गौशाला बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। गांवों में भूमि का चिन्हांकन भी हो गया है, लेकिन शहर में सड़कों पर बैठे मवेशियों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। रीवा शहर का ऐसा कोई भी मोहल्ला नहीं है, जहां दर्जनों की संख्या में मवेशी सड़क पर बैठे नजर न आते हों।
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