– 500 जानवर पूरे होने का हवाला
गौशाला प्रबंधन ने कहा है कि 363 मवेशी पहले से गौशाला में रह रहे हैं, इधर 18 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक 208 और मवेशी नगर निगम द्वारा पहुंचाए गए हैं। गौशाला की क्षमता 500 मवेशी रखने की है, यह क्षमता अब पूरी हो चुकी है। इस वजह से शहर के अन्य जानवरों को रख पाना मुश्किल है।
– दुर्घटनाग्रस्त जानवरों के लिए समस्या
शहर में सड़कों पर बड़ी संख्या में जानवर बैठते हैं, वाहनों से आए दिन ये दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इन जानवरों को लक्ष्मणबाग गौशाला पहुंचाया जाता रहा है। अब इन्हें भी लेने से गौशाला प्रबंधन ने इंकार कर दिया है तो नगर निगम के लिए यह मुश्किल होगा कि ऐसे जानवरों को वह कहां पहुंचाता है।
– निगम का कांजीहाउस बन गया वाहन पार्किंग स्थल
नगर निगम का कांजी हाउस पहले संचालित होता था लेकिन कुछ वर्षों से यह बंद पड़ा था। अब इसे वाहन पार्किंग के लिए उपयोग किया जा रहा है। उक्त स्थल को व्यवसायिक योजना में शामिल कर शापिंग काम्पलेक्स बनाने का प्रस्ताव भी निगम दे चुका है। इसलिए अब कांजी हाउस के लिए कोई दूसरी जगह ही तलाश करनी होगी। इन विकल्पों पर नगर निगम अब विचार कर रहा है।
– गांवों में बना रहे गौशाला, शहर में ध्यान नहीं
आवारा मवेशियों के लिए गांवों में तो सरकार ने गौशाला बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। गांवों में भूमि का चिन्हांकन भी हो गया है, लेकिन शहर में सड़कों पर बैठे मवेशियों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। रीवा शहर का ऐसा कोई भी मोहल्ला नहीं है, जहां दर्जनों की संख्या में मवेशी सड़क पर बैठे नजर न आते हों।