रीवा। शहर के अलग-अलग स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की वजह से ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ता है। इसलिए प्रशासन ने तय किया है कि ऐसे प्रमुख स्थानों पर इन कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके लिए लोगों को व्यवस्था प्रशासन की ओर से देने का निर्णय लिया गया है। लक्ष्मणबाग संस्थान परिसर में ऐसा स्थान विकसित किया जाएगा, जहां पर बड़े कार्यक्रम आयोजित कराए जा सकें। इसमें प्रमुख रूप बड़ी रामकथा, यज्ञ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं। लक्ष्मणबाग में एक बैठक आयोजित की गई, जहां पर कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने स्वयं काफी देर तक संस्थान से जुड़ी जानकारियां ली और कहा कि इसे विकसित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि पहला काम तो लक्ष्मणबाग परिसर का सीमांकन कराया जाएगा और इसकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे। गौशाला का स्थान बदलने पर भी चर्चा हुई और कहा गया कि इसे किनारे स्थापित किया जा सकता है। वहीं पार्क एवं लोगों के बैठने के लिए सुविधा देने के लिए भी चर्चा हुई है। इस बैठक में एडीएम इला तिवारी, एसडीएम फरहीन खान, नगर निगम के संपत्ति अधिकारी अरुण मिश्रा, रोजगार कार्यालय के उपसंचालक अनिल दुबे, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री नरेन्द्र शर्मा, इ-गवर्नेंस के आशीष दुबे सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
– चिरहुला मंदिर के विकास प्लान भी हुई चर्चा
कलेक्टर ने चिरहुला हनुमान मंदिर के लिए तैयार किए गए विकास प्लान के बारे में भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। कहा कि मंदिर परिसर का सीमांकन कराया जाएगा और पीछे के मोहल्लों के लिए चौड़ी सड़क दी जाएगी। मंदिर के बगल में स्थित भवन गिराया जाएगा और नई भवन तैयार होगा। इसके नीचे के हिस्से में श्रद्धालुओं के लिए स्थान छोड़ा जाएगा। ऊपरी हिस्से में भंडारे एवं अन्य कार्य हो सकेंगे। मंदिर में होने वाले कीर्तन और मानस के लिए प्रशासन की ओर से माइक एवं स्पीकर की व्यवस्था की जाएगी। ताकि निर्धारित सीमा तक ही इसकी आवाज बाहर जाए। कुछ अधिकारियों ने भी अपनी ओर से सुझाव दिए। कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि विकास प्लान जनता के सामने रखा गया है, उसमें सुझाव लिए जा रहे हैं। ३१ अगस्त के बाद बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।
– चिरहुला मंदिर के विकास प्लान भी हुई चर्चा
कलेक्टर ने चिरहुला हनुमान मंदिर के लिए तैयार किए गए विकास प्लान के बारे में भी अधिकारियों के साथ चर्चा की। कहा कि मंदिर परिसर का सीमांकन कराया जाएगा और पीछे के मोहल्लों के लिए चौड़ी सड़क दी जाएगी। मंदिर के बगल में स्थित भवन गिराया जाएगा और नई भवन तैयार होगा। इसके नीचे के हिस्से में श्रद्धालुओं के लिए स्थान छोड़ा जाएगा। ऊपरी हिस्से में भंडारे एवं अन्य कार्य हो सकेंगे। मंदिर में होने वाले कीर्तन और मानस के लिए प्रशासन की ओर से माइक एवं स्पीकर की व्यवस्था की जाएगी। ताकि निर्धारित सीमा तक ही इसकी आवाज बाहर जाए। कुछ अधिकारियों ने भी अपनी ओर से सुझाव दिए। कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि विकास प्लान जनता के सामने रखा गया है, उसमें सुझाव लिए जा रहे हैं। ३१ अगस्त के बाद बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।
– लक्ष्मणबाग का प्लान भी जनता के सामने रखेंगे
लक्ष्मणबाग परिसर में विकास कार्य कराने के लिए आर्किटेक्ट की मदद ली जाएगी। इसके लिए डेवलपर्स इंजी. राजेन्द्र शर्मा को भी बुलाया गया था। उन्होंने कहा है कि इसमें वह प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे और प्रयास होगा कि कम खर्च में पूरा प्लान तैयार हो जाए। कलेक्टर ने कहा है कि इस प्लान को भी जनता के सामने रखेंगे और लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे।
– जयपुर से गहने लाने के होंगे प्रयास
बैठक में लक्ष्मणबाग संस्थान से जुड़े कर्मचारियों ने कलेक्टर को बताया कि यहां की पूर्व महारानी के गहनों और कुछ प्रमुख दस्तावेजों से भरी पांच पेटियां जयपुर में किले में रखी हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा है कि पूरी रिपोर्ट उन्हें दें, इसके लिए राजस्थान सरकार को पत्र भेजा जाएगा। रीवा और जयपुर राजघरानों के बीच रिश्ते रहे हैं, इसलिए पूर्व में महारानी के कुछ जेवर वहां पर रखे गए थे।
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