मंगलवार को तेंदुए के शव का पीएम बरेली व कानुपर के विशेषज्ञों की टीम ने किया। इन दिनों मानिकपुर से लगे रानीपुर अभ्यारण के वनजीवों पर लगातार संकट दिख रहा है। एक साथ तीन वन्य जीवों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि तेंदुए के शिकार का मामला सामने आ गया। मामले की जांच वन विभाग की टीम कर रही है।
बताया गया कि मानिकपुर थाना क्षेत्र के रैपुरा वनरेंज के गढ़चपा ग्राम पंचायत के मजरे ककरहुलीपुरवा निवासी नरेंद्र और जितेंद्र ने ग्रामीणों की मदद से १९ अपे्रल को तेंदुए का शिकार किया था। उसके बाद शव को जंगल में गड्ढा खोदकर दफना दिया था। रविवार को ककरहुलीपुरवा के ही कुछ ग्रामीणों ने मामले की जानकारी वन विभाग को दी। वन विभाग के अफसरों और कर्मियों ने जंगल में पहुंचकर तेंदुए के शव को खोदकर बाहर निकाला। अफसरों ने दोनों भाइयों को रविवार को ही हिरासत में ले लिया था।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि तेंदुए ने शनिवार की देरशाम उनकी गाय का शिकार करना चाहा, तो उसे भगाया गया। लेकिन तेंदुए ने उल्टे नरेंद्र को ही शिकार बनाना चाहा, जिस पर उसके भाई जितेंद्र ने अन्य लोगों के साथ कुल्हाड़ी से वार कर मार डाला था। इसके बाद शव को जंगल में ले जाकर दफन कर दिया था, लेकिन बाद में पता चला कि खाल की तस्करी करने के लिए तेंदुए का शिकार किया गया था। अब इस मामले की जांच वन विभाग की टीम कर रही है।