कृषि उपज मंडी में सुबह करीब आठ बजे किसान उस समय बवाल पर उतारू हो गए, जब मंडी अधिकारियों ने कुछ किसानों की उपज को मानक अनुरूप नहीं होने की बात करते हुए खरीदने से इंकार कर दिया। अधिकारियों के इस रवैए से किसानों में आक्रोश फूट पड़ा। किसानों ने अधिकारियों पर यह आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया कि जो किसान मंडी में प्रवेश व तौलाई के लिए नंबर लगाने में दो हजार रुपए नहीं दे रहे हैं। उनकी उपज को अमानक बता दिया जा रहा है।
किसानों के करीब आधे घंटे तक बवाल के बाद सूचना पाकर मौके पर पहुंचे तहसीलदार जितेंद्र तिवारी ने किसानों को समझाइस देकर उनका धरना प्रदर्शन खत्म कराया। साथ ही मंडी अधिकारियों को हिदायत दिया कि वह निर्धारित नियमों के अनुरूप उपज की खरीदारी करें। किसानों की ओर से कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों के साथ किसान सभा के रोहित तिवारी, रामजीत सिंह, भइयालाल त्रिपाठी, तेजभान सिंह, कृष्ण कुमार शुक्ला, रामनरेश सिंह, प्रवीण तिवारी, अमित सोहगौरा, रावेंद्र सिंह सहित अन्य किसान उपस्थित रहे।
मंडी में किसानों के बवाल की सूचना पाकर मंडी बोर्ड की संयुक्त संचालक प्रवीण चौधरी भी मौके पर पहुंच गई। उन्होंने किसानों से न केवल बात की बल्कि जानकारी ली कि मंडी अधिकारियों ने किस उपज को अमानक बताया। किसानों ने संयुक्त संचालक से शिकायत की कि अधिकारी उन किसानों की अमानक उपज भी खरीद रहे हैं, जो उनसे साठगांठ कर ले रहा है लेकिन जो साठगांठ नहीं कर रहा है उसकी अच्छी उपज भी अमानक बता दी जा रही है। हालांकि किसान संयुक्त संचालक को कोई ऐसी उपज नहीं दिखा सके, जो अमानक होते हुए भी खरीदी गई हो। संयुक्त संचालक ने भी अधिकारियों को नियमों को अनुरूप खरीदारी करने की हिदायत दी।
सडक़ पर किसानों का प्रदर्शन कुछ मिनटों का रहा लेकिन घंटेभर मचे हंगामे के बीच उपज लेकर मंडी पहुंचे वाहनों को परिसर में प्रवेश नहीं मिल सका। मंडी के सामने सेमरिया मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में उपज से लदे वाहनों की कतार लग गई। नतीजा यह रहा कि वहां जाम की स्थिति बन गई। इससे वहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों को घंटों फजीहत करना पड़ा। किसानों का प्रदर्शन समाप्त होने के करीब दो घंटे बाद स्थिति सामान्य हो सकी।
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समर्थन मूल्य पर शुरू उपज की खरीदी का जायजा लेने कलेक्टर प्रीति मैथिल मनगवां मंडी पहुंची। वहां उन्होंने खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर न केवल व्यवस्थाओं का जायजा लिया बल्कि किसानों से भी बात की। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से अब तक हुई खरीदारी सहित अन्य जानकारी प्राप्त किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पंजीकृत किसानों को नियमित रूप से एसएमएस भेजकर खरीदी की तिथियों की सूचना दें।
यदि कोई पंजीकृत किसान बिना एसएमएस के भी खरीदी केंद्र्र में पहुंचता है तो निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर उपज की खरीदारी करें। किसानों की ओर से दिए गए गेंहू का तत्काल भुगतान किया जाए। निरीक्षण के मौके पर किसानों की शिकायत के मद्देनजर कलेक्टर ने अपने समक्ष गेंहू की तौल कराई। उन्होंने मंडी के कर्मचारियों को पूरी पारदर्शिता के साथ गेंहू का अन्य अनाजों की खरीदारी करने का निर्देश दिया। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मयंक अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।