जिले में कुल 49 आश्रय केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमें एक सामाजिक संस्था के द्वारा संचालित किया जा रहा है। रविवार की स्थित में प्रत्येक ब्लाक स्तर पर एक-एक केन्द्र सक्रिय हैं। वर्तमान समय में 300 से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं। जिला प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार आश्रय केन्द्र सहित जिले में बाहर से आने वाले लोगों की सरकार से अधिक सामाजिक संस्थाओं ने भोजन के पैकेट का वितरण किए।
अब तक 11 हजार से अधिक बाहरी ठहरे
जिले में अब तक कुल मिलाकर 11 हजार से अधिक लोगों को खाद्य पैकेट वितरण किए गए हैं। जिसमें सामाजिक संस्थाओं ने 5500 से अधिक वितरण किया है। जबकि सरकारी संस्थाओं ने 4500 खाद्य सामग्री का वितरण किया है। रविवार को त्योंथर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में आधा दर्जन से अधिक बाहरी ठहरे हुए हैं। छात्रावास में पलंग को सामाजिक डिस्टेंस पर लगाए गए हैं। बेहतर बिस्तर के साथ भोजन के पैकेट वितरण किए गए। परिसर में साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम हैं।
जिला मुख्यालय पर ज्ञानोदय में संख्य अधिक होने के कारण पिछले दो दिन से फूड पैकेट वितरण होने के बाद भी अव्यवस्था फैल रही है। दरअसल, जिन लोगों की ड्यूटी लगाई गई है ज्ञानोदय छात्रावास में अनदेखी कर रहे हैं। जबकि यहां पर लगभग 500 छात्रों के रहने की व्यवस्था बनाई गई है। हॉस्टल के रसोई में खाद्यान्न भी रखा है। बावजूद इसके भोजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। उधर, बार्डर एरिया में शेल्टर हाउस में ठहरे लोग व्यवस्था के बाद भी चोरी छिपे अपने गन्तव्य को निकल रहे हैं।
जिले में बनाए गए शेल्टर हाउस में ठहराने से पहले लोगों का बकायदे स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। जिले में अब तक 11 हजार से ज्यादा आश्रय केन्द्रों के आस-पास स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जबकि ग्रामीणों की संख्या को मिलाकर कुल लगभग 18 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।