शहर की सड़कों पर भवनों से निकले मलबे का ईंटा, बालू, पत्थर, सीमेंट के प्लास्टर सहित अन्य सामग्री जो फेंकी जा रही है। उसे अब संकलित कर फिर से उस मटेरियल से ईंटा और पेवर ब्लाक बनाया जाएगा ताकि वह शहर के दूसरे निर्माण कार्यों में लगाया जा सके। बीते साल अक्टूबर में ही इसकी स्वीकृति हो गई थी, निगम द्वारा दावा किया गया था कि दो महीने के भीतर शहर के भवनों के कचरे की रिसाइकिलिंग शुरू कर दी जाएगी। अब तक इस प्रोजेक्ट का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है।
नगर निगम ने कोष्टा में बनाए गए कचरा डंपिंग यार्ड का करीब आधा हिस्सा उक्त कार्य के लिए दे दिया है। पूर्व से यहां पर कचरा फेंका जा रहा था जिसके चलते कचरे का ढेर लगा था। एक हिस्से से कचरा हटाकर वहां पर मशीन लगाई गई है। जिस तरह से कचरे का ढेर जमा है, उसे हटाने में लंबा समय लगेगा। नगर निगम के पास कोई दूसरा स्थान फिलहाल नहीं है जहां पर कचरे को ले जाया जा सके।
दो महीने से चल रही तैयारी
बिल्डिंग मटेरियल की रिसाइकिलिंग का प्लांट लगाने के लिए बीते दो महीने से तैयारी की जा रही है। कचरा प्लांट के एक हिस्से को खाली कराकर उसमें मशीन लगाई गई है। बताया जा रहा है कि यह सब दिखावे तक ही सीमित है, जिस तरह से तैयारियां की जा रही हैं उसमें अभी और लंबा समय लगेगा। तर्क दिया जा रहा है पहले गर्मी का मौसम होने की वजह से कार्य में देरी हुई, अब नगर निगम प्रशासन के सहयोग नहीं करने की वजह से परेशानी हो रही है।
बिल्डिंग मटेरियल की रिसाइकिलिंग का प्लांट लगाने के लिए बीते दो महीने से तैयारी की जा रही है। कचरा प्लांट के एक हिस्से को खाली कराकर उसमें मशीन लगाई गई है। बताया जा रहा है कि यह सब दिखावे तक ही सीमित है, जिस तरह से तैयारियां की जा रही हैं उसमें अभी और लंबा समय लगेगा। तर्क दिया जा रहा है पहले गर्मी का मौसम होने की वजह से कार्य में देरी हुई, अब नगर निगम प्रशासन के सहयोग नहीं करने की वजह से परेशानी हो रही है।
संसाधनों की मांग कर रही कंपनी
प्लांट स्थापित करने का कार्य इंदौर की कंपनी को दिया गया है। जिसने मशीनों का बड़ा हिस्सा लगा दिया है लेकिन अब उसका तर्क है कि बिजली कनेक्शन के लिए नगर निगम को प्रयास करना चाहिए, उनकी ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। परिसर में कचरे का बड़ा हिस्सा जमा है, उसे हटाने का कार्य भी नगर निगम को करना है। जब तक उक्त व्यवस्थाएं नहीं होंगी तब तक कार्य कर पाना मुश्किल होगा।
प्लांट स्थापित करने का कार्य इंदौर की कंपनी को दिया गया है। जिसने मशीनों का बड़ा हिस्सा लगा दिया है लेकिन अब उसका तर्क है कि बिजली कनेक्शन के लिए नगर निगम को प्रयास करना चाहिए, उनकी ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। परिसर में कचरे का बड़ा हिस्सा जमा है, उसे हटाने का कार्य भी नगर निगम को करना है। जब तक उक्त व्यवस्थाएं नहीं होंगी तब तक कार्य कर पाना मुश्किल होगा।