प्रधानमंत्री ने देश को स्वच्छ करने का संकल्प लिया, देश वासियों को एक सोच एवं विचार दिया। उनके इस अभियान में पूरा देश जुड़ गया। राज्यपाल ने कहा कि, मै गांव से हूं। गांव में पहले कोई टॉयलेट नहीं था। घर में कोई सुविधा नहीं होने से परेशानियां होती थी। हमारी 12 – 15 वर्ष की बेटियां कहां जाएं। आज घर-घर टायलेट बन गए।
इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश(से.नि.) जसबीर सिंह, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण एवं एपीएसयू के कुलपति प्रो.केएन सिंह यादव, कुलसचिव डा.पुष्पा सोनवानी मौजूद रहीं। कार्यक्रम सुबह 11.15 बजे शुरु हुआ।
हिम्मत वाली महिलाओं को मिला पद्मश्री अवार्ड
राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि, इस बार हिम्मत वाली महिलाओं को पद्मश्री का अवार्ड मिला है। कहा कि, विश्वविद्याल स्टूडेंट्स को इन महिलाओं के बारे में अध्ययन कराएं। उनके साहस एवं हिम्मत के बारे में छात्र – छात्राओं को बताएं। लाइब्रेरी में उनके संघर्ष की कहानी होनी चाहिए। जिससे बच्चे प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि पद्मश्री अवार्ड पाने वाली महिलाओं के बारे में पढ़ो कैसे – कैसे काम हमारे देश में महिलाएं कर रही हैं।
विश्व की श्रेष्ठ सूची में शामिल हों प्रदेश के विवि
राज्यपाल ने कहा कि हमारे लिए यह चिंता का विषय है कि विश्व की 100 श्रेष्ठ विश्वविद्यालय की सूची में देश का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है। कहा कि हमारी यही अपेक्षा है कि, आप सब मिलकर प्रयास कीजिए। विश्व की दो सौ श्रेष्ठ विश्वविद्यालय की सूची में मध्य प्रदेश का एक विश्वविद्यालय आना चाहिए। क्या कमियां हैं? क्या करना चाहिए? क्या हम नहीं करते? उसी तरह से काम करके विश्वविद्यालय को आगे बढ़ा सकते हैं।
आचार्य बालकृष्ट एवं सतीश रेड्डी को दी गई उपाधि
कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण मौजूद रहे। उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं कुलपति प्रो.केएन सिंह यादव ने प्रबंध संकाय में डी-लिट् की मानद उपाधि से सम्मानित किया। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. सतीश रेड्डी को भी कार्यक्रम में शामिल होना था। वे अनुपस्थित रहे। प्रतिनिधि के तौर पर उनके तकनीकी सहायक डॉ. संजीव कुमार जोशी कार्यक्रम में मौजूद रहे। डा. रेड्डी को विज्ञान संकाय में डीएससी की मानद उपाधि दी गई। जोशी ने उनकी उपाधि ग्रहण की।