रीवा जिले नगर परिषद सिरमौर के बजरहा टोला में ज्योतिबा राव फुले की जयंती मनाई गई। जिसमें मुख्य अतिथि से लेकर कार्यक्रम संचालन तक का काम महिलाओं ने संभाला। मुख्य अतिथि में शकुंतला कुशवाहा रही। जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर सुनीता कुशवाहा पूर्व पार्षद एवं सबिता प्रजापति मौजूद रहीं। अध्यक्षता रानी कुशवाहा आशा कार्यकर्ता सिरमौर ने किया। संचालन प्रतिभा ने किया।
आज भी प्रासंगिक हैं फुले के आदर्श
मुख्य अतिथि ने कहा कि ज्योतिबा राव फुले ने कठिन परिस्थिति में संघर्ष करके आजादी दिलवाई है। उनकी कुर्बानी और उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता। खासकर उन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर जो काम किया वह अमिट रहेगा। उनके बताए हुए आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा था कि शिक्षा ही पिछड़ापन का मुख्य कारण है। अविद्या से आदमी का मान-सम्मान सहित सबकुछ नष्ट हो जाता है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि ज्योतिबा राव फुले ने कठिन परिस्थिति में संघर्ष करके आजादी दिलवाई है। उनकी कुर्बानी और उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता। खासकर उन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर जो काम किया वह अमिट रहेगा। उनके बताए हुए आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा था कि शिक्षा ही पिछड़ापन का मुख्य कारण है। अविद्या से आदमी का मान-सम्मान सहित सबकुछ नष्ट हो जाता है।