बता दें कि दीपक सिंह गत वर्ष जून में लद्दाख की गलवान घाटी में अचानक हुए चीनी हमलों का मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। शहीद दीपक सिंह का जन्म 15 जुलाई 1989 को रीवा के फरांदा गांव में हुआ था। वह 2012 में भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट में बतौर नर्सिंग असिस्टेंट चिकित्सा कोर में भर्ती हुए थे।
महज 30 वर्षीय दीपक सिंह बिहार रेजिमेंट में नर्सिंग असिस्टेंट नायक के पद पर कार्यरत रहे। उनकी शहादत से ठीक 8 माहीने पहले ही उनका विवाह हुआ था और वह अपनी पत्नी से महज एक बार ही मिल पाए थे। वो भी तब जब वो शादी के बाद पहली बार होली के अवकाश पर घर आए थे। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए कश्मीरी शॉल और लहंगा लाने का वादा किया था। शहीद होने से ठीक 15 दिन पूर्व ही दीपक सिंह ने अपने परिवार से फोन पर बात की थी। उसके बाद वह मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। उनके इस बलिदान ने पूरे देश को गौरवान्वित किया।