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अतीत का झरोखा : रीवा में जब पांच साल में चार महापौर बने थे

locationरीवाPublished: Jul 05, 2022 10:58:51 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– पहले दो महापौर पार्षद से चुने गए, तीसरे को सरकार ने चुना और चौथे को जनता ने

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रीवा। नगरीय निकायों के पुनर्गठन में रीवा को वर्ष 1994 में नगर निगम बनाया गया। पहला कार्यकाल विवादों में रहा। पांच साल के अंतराल में चार महापौर बने और पूरा समय विवादों में ही उलझा रहा। पहले दो महापौरों का चयन पार्षदों के जरिए हुआ। तीसरे का चयन सरकार ने किया और चौथे महापौर का चयन आम जनता ने किया। इस तरह से पूरे पांच वर्ष तक महापौरों के चयन में ही यह प्रक्रिया उलझी रही। जिसकी वजह से विकास कार्य बाधित रहे। वह दौर कांग्रेस की सरकार का था और उसमें भी गुटबाजी थी।
रीवा में दिसंबर 1994 में चुनाव हुआ और परिषद का गठन 1995 में हुआ। जिसमें पहले महापौर के रूप में कांग्रेस पार्टी के अमीरुल्ला खान चुने गए। इनके चयन को लेकर कोर्ट में चुनौती दी गई। जिसमें कहा गया कि चुनाव जीतने के लिए परिषद के प्रथम सम्मिलन के लिए जो अवधि निर्धारित थी उस समय पर सम्मिलन नहीं बुलाया गया। इसी के चलते कोर्ट ने उनके महापौर निर्वाचन को शून्य कर दिया। दो वर्ष बाद वह अमीरुल्ला महापौर पद से हटा दिए गए।
इसके बाद प्रभारी महापौर के रूप में सावित्री पाण्डेय को चुना गया, जिन्होंने करीब दस माह का कार्यकाल बिताया। इसी बीच कमलजीत सिंह डंग को राज्य सरकार की ओर से महापौर मनोनीत किया गया। इनका सबसे छोटा कार्यकाल रहा। करीब तीन महीने ही यह महापौर की कुर्सी पर बैठ पाए। इसके बाद सरकार ने नियम ही बदल दिए और महापौर का चुनाव सीधे जनता से कराने का निर्णय ले लिया।
रीवा नगर निगम में जनता ने सीधे चुनाव में पहले महापौर के रूप में राजेन्द्र ताम्रकार को चुना। इन्होंने भी करीब दो वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। इस तरह से नगर निगम के पहले चुनाव में विवादों की स्थितियां बनी रहीं और पांच साल के अंतराल में चार महापौर बनाए गए।

जनता से चुनाव में कांग्रेस को अवसर नहीं
रीवा नगर निगम में अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस को अपना महापौर बनाने का अवसर नहीं मिला है। कांग्रेस की जब सरकार थी प्रदेश में तब भी यहां भाजपा के महापौर जीते। इसके बाद से लगातार अब तक भाजपा के ही महापौर चुने जाते रहे हैं। इसी बात को लेकर कमलनाथ ने कहा है कि यह रीवा के लिए कलंक है इसे मिटाने का समय है।

रीवा नगर निगम के अब तक के महापौर
1-अमीरुल्ला खान कांगेस, 7 जनवरी 1995 से 6 जनवरी 1997 (पार्षदों द्वारा)
2-सावित्री पाण्डेय कांग्रेस, 7 जनवरी 1997 से 5 अक्टूबर 1997 (प्रभारी)
3-कमलजीत सिंह डंग कांगेस, 6 अक्टूबर 1997 से 31 दिसंबर 1997 (शासन से मनोनीत)
2-राजेन्द्र ताम्रकार भाजपा, 1 जनवरी से 1998 से 29 दिसंबर 1999 (जनता द्वारा)
3-आशा सिंह भाजपा 30 दिसंबर 1999 से 8 जनवरी 2005 (जनता द्वारा)
4-वीरेंद्र गुप्ता भाजपा 9 जनवरी 2005 से 10 जनवरी 2010 (जनता द्वारा)
5-शिवेन्द्र सिंह पटेल भाजपा 11 जनवरी 2010 से 1 जनवरी 2015 (जनता द्वारा)
6-ममता गुप्ता भाजपा 2 जनवरी 2015 से 1 जनवरी 2020 (जनता द्वारा)
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