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मेडिकल कालेज में आर्थोपेडिक और एनिस्थीसिया का पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सा छात्रों को झटका

locationरीवाPublished: Dec 25, 2018 12:25:24 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

आर्थोपेडिक और एनिस्थीसिया की डिग्री को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन परीक्षा ने शामिल करने किया इंकार

Medical students doing medical college pg injuries

Medical students doing medical college pg injuries

रीवा. श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के आर्थोपेडिक और एनिस्थीसिया का पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सा छात्रों की मेहनत पर पानी फिर रहा है। पीजी कोर्स करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन परीक्षा में आवेदन करने वाले चिकित्सा छात्र की डिग्री अमान्य कर दी गई। इसका खुलासा पीजी करने वाले चिकित्सा छात्र के द्वारा की गई शिकायत में हुआ है। मामला एसीएस चिकित्सा राधेश्याम जुलानिया के पास पहुंचा तो मेडिकल कालेज में हडकंप मचा है।
डिकल कालेज की डिग्री को पड़ोसी राज्यों ने किया अमान्य
मेडिकल कालेज में आर्थोपेडिक और एनिस्थीसिया के विभागाध्यक्षों की लापरवाही के चलते एमसीआई के मापदंडों को वर्ष २०१३ से लेकर अब तक पूरा नहीं किया जा सका। इसका खामियाजा पीजी कोर्स करने वाले चिकित्सा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। मेडिकल कालेज से अर्थोपेडिक और एनिस्थीसिया का कोर्स करने वाले चिकित्सा छात्रों को जारी की गई डिग्रियां पड़ोसी राज्यों में अमान्य कर दी गई हैं। पीजी करने वाले तीन चिकित्सा छात्रों ने सीनियनर रेजीडेंस के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन परीक्षा में शामिल होने का आवेदन दिया था। जिसकी परीक्षा 8 और 9 दिसंबर को होनी थी। लेकिन पांच दिसंबर को बोर्ड ने मेल भेजकर पीजी कोर्स की डिग्री को अमान्य कर दिया है।
प्रभावित छात्रों के मिलने के बाद भी हल नहीं हो रही समस्या
इसको लेकर प्रभावित चिकित्सा छात्रों ने विभागाध्यक्ष और मेडिकल कालेज के डीन से मिले। समस्या हल नहीं हुई तो परेशान चिकित्सा छात्र ने एसीएस चिकित्सा को आवेदन फैक्स और मेल कर न्याय की गुहार लगाई है। इस मामले में चिकित्सा विभाग ने मेडिकल कालेज से जानकारी तलब की है। बताया गया कि मेडिकल कालेज में अर्थोपेडिक से अब तक डॉ कुमार रोहित, डॉ प्रतीक, डॉ अभिषेक आदि पीजी कर चुके हैं। डॉ रोहित को पांच दिसंबर को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन परीक्षा कार्यालय से मेल भेज कर जानकारी दी गई है कि उनके द्वारा लगाई गई पीजी कोर्स की डिग्री अमान्य है। जिससे परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं।
एमसीआई के मापदंड की अनदेखी
मेडिकल कालेज में अर्थोपेडिक और एनिस्थीसिया के पीजी कोर्स सहित अन्य पीजी कोर्स के लिए डीएमसीआई टीम का दो बार निरीक्षण हो चुका है। इसके बावजूद आर्थोपेडिक कोर्स के लिए 12 बिंदुओं का मापदंड पूरा नहीं किया जा सका है। मेडिकल कालेज के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते वर्ष 2013 से लेकर अब तक मापदंड पूरा नहीं किया जा सका। बताया गया कि शिक्षकों की कमी को पूरा कर लिया गया है। लेकिन, मेडिकल इक्विपमेंट नहीं खरीदीे जा सके। एमसीआई की टीम ने अंतिम निरीक्षण वर्ष 2016 में किया था। मापदंड अभी तक पूरे नहीं किए जा सके हैं। इस के लिए पीजी कोर्स की डिग्री एमआइसी में मान्य नहीं हो रही है। बताया गया कि अर्थोपीडी की दो और एनिस्थीसिया की तीन सीटें हैं।
वर्जन…
पीजी कोर्स के सभी मापदंडों को करीब-करीब पूरा कर लिया गया है। महत्वपूर्ण मापदंड शिक्षक की संख्या पूरी हो गई हैं। कुछ विभागों में मेडिकल इक्विपमेंट खरीदी के लिए टेंडर होना शेष है। एमसीआई को पत्र भेजा गया है। डिग्री अमान्य का मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है। जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
डॉ .पीसी द्विवेदी, डीन, मेडिकल कालेज रीवा
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