रीवा और शहडोल संभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन प्लान सभी जिलों के अधिकारी अपडेट कर लें। दूरस्थ अंचलों में दवाइयों की व्यवस्था करें। पशुधन की सुरक्षा एवं जनहानि रोकने आदि के लिए पूर्वानुमान लगाकर व्यवस्थाएं कर लें। नगर निगम आयुक्त नगरीय क्षेत्रों की साफ.-सफाइ करा लें। अतिवृष्टि होने पर नगरीय निकाय के निवासियों को परेशानी नहीं हो। बाढ़ आने पर नुकसान कम से कम करने का प्रयास करें। बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए पूर्व से बैठकें करना सुनिश्चित करें।
मानव निर्मित समस्याओं की वजह से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान संभागायुक्त ने जिलेवार वन टू वन कलेक्टर और निगमायुक्त अधिकारियों से तैयारी की समीक्षा की। सीधी कलेक्टर महान, गोपद, सोन नदी के आस-पास के चिंह्ति गांवों में तैयारी की विस्तृत जानकारी दी। निगमायुक्त रीवा सभाजीत यादव ने कहा कि शहर में नाले की सफाई शुरू करा दी गई है। नालों पर अतिक्रमण की लंबी लिस्ट है। कुछ वाहन हैं, ज्यादातर वाहन किराए पर लिए गए हैं।
चैनमाउंट और जेसीबी मशीनें भी किराए पर तय कर ली गई हैं। बाढ़ से निपटने की तैयारी करीब-करीब पूरी कर ली गई है। शिविर आदि को भी चिंह्ति कर लिया गया है। शहर में बाणसागर के अलावा बीहर-बिछिया नदी के पानी मोहल्लों में घुसता है। इसी तरह सिंगरौली के अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ की गढ़वा और चितरंगी में तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसी तरह अनूपपुर, उमरिया, सतना के अधिकारियों ने भी अपने प्लान बताए।
पुलिस उप महानिरीक्षक अविनाश शर्मा ने कहा कि किन नदियों के कारण कहां-कहां बाढ़ आती है ऐसे स्थानों को चिन्हित कर लें। गोताखोरों की व्यवस्था कर लें। इस कार्य में ग्रामीणों की भी मदद लें। हर थाना प्रभारी होमगार्डों के भरोसे न रहे तैराकों की सूची तैयार कर लें। राहत शिविरों के लिए शौचालय, शुद्ध पेयजल एवं बिजली की व्यवस्था अभी से करें। करंट फैलने की संभावना न रहे।
जल संसाधन विभाग के पास महज छह नाव हैं। जिससे रीवा और शडोल संभाग के सात जिलों के आपदा प्रबंधन के बचाव कार्य करता है। बैठक के दौरान संभागायुक्त ने कहा कि इतनी नावों से क्या होगा। आयुक्त ने निर्देश दिए कि मत्स्य विभाग से नाव अधितग्रहीत कर लें। इसके अलावा नाव सहित अन्य प्रबंधन की तैयारी पूरी करें।