कार्यक्रम में डीएसपी ने कहा कि ग्राम व नगर रक्षा समिति सदस्य पुलिस की तीसरी आंख है। पुलिस हर जगह नहीं रह सकती है लेकिन ग्राम रक्षा समिति सदस्य पुलिस के सहयोगी बनकर अपराधों की रोकथाम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आप लोग अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय होकर काम करें और मादक पदार्थों की अवैध बिक्री, फरार आरोपियों व संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें। रात में बीट के कर्मचारियों के साथ मिलकर गश्त करें ताकि चोरियों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अपराधियों का क्षेत्र काफी बढ़ गया है और पुलिस बल उतना ही है। ऐसे में आप लोगों की मदद से अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
ग्राम रक्षा समिति की लंबे समय बाद बैठक आयोजित हुई थी। नियमित बैठक न होने पर सदस्यों ने नाराजगी जताई। इतना ही नहीं थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों के द्वारा उनकी बातों को नजरअंदाज करने और कार्रवाई न करने जैसा आरोप भी लगाया है। उनका कहना था कि पूर्व में नियमित बैठकें होती थी और बीट के पुलिसकर्मियों के साथ रात्रि गश्त की जाती थी।