scriptजिला अस्पताल में माताओं के नास्ते से दूध-केला और पपीता गायब, थाली में परोस रहे कच्ची रोटियां, सिविल सर्जन अनजान | Milk-banana, papaya disappear from mother's house in district hospital | Patrika News

जिला अस्पताल में माताओं के नास्ते से दूध-केला और पपीता गायब, थाली में परोस रहे कच्ची रोटियां, सिविल सर्जन अनजान

locationरीवाPublished: Aug 31, 2018 12:48:25 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

एसनसीयू एवं एनआरसी में भर्ती हो रही माताएं डस्टविन में फेंक रहे भोजन, दाल और सब्जी के बजाए पौष्टिक आहार से वंचित मरीज

Milk-banana, papaya disappear from mother's house in district hospital

Milk-banana, papaya disappear from mother’s house in district hospital

रीवा. जिला अस्पताल में भर्ती माताओं के नास्ते से दूध, केला और पपीता गायब हो गया है। जिम्मेदार मेन्यू को दरकिनार कर मरीजों को भोजन दे रहे हैं। अस्पताल के एसनसीयू एवं एनआरसी में भर्ती महिलाओं को पौष्टिक भोजन की जगह कच्ची रोटियां दी जा रहीं हैं। ज्यादातर माताएं रोटियां थाली में लेने के बाद डस्टविन में फेंक रहीं हैं। हैरान करने वाली बात यह कि अस्ताल में भोजन और नास्ते की व्यवस्था से सिवल सर्जन अनजान हैं।
एसनसीयू एवं एनआरसी में भर्ती हो रही माताएं
जिला अस्पताल के एसनसीयू एवं एनआरसी में भर्ती बच्चों की माताओं को शासन की ओर से पौष्टिक भोजन और नास्ते का मेन्यू दिया गया है। लेकिन, जिम्मेदार मेन्यू की अनदेखी कर गुणवत्ता विहीन भोजन दे रहे हैं। पत्रिका टीम ने अस्पताल के दिवार पर लगाए गए डाइट चार्ट के अनुसार महिलाओं से जानकारी ली तो ज्यादातर माताओं ने बताया कि दलिया, दाल और सब्जी ठीक है। लेकिन, रोटियां कच्ची हैं। नास्ते में केला, दूध और पपीता नहीं मिल रहा है।
कभी-कभार आता है केला
कुछ मरीजों ने बताया कि कभी-कभार केला आता है। माताओं के साथ रहने वाले परिजन राम सिंह ने बताया कि रोटी कच्ची रहती है। थाली में लेने के बाद ज्यादातर महिलाएं डस्टविन में फेंक देती हैं। ये कहानी अकेले एसएनसीयू की नहीं, बल्कि वार्डों में भर्ती माताओं को भी मेन्यू के तहत भोजन और नास्ता नहीं दिया जा रहा है।
डाइट चार्ट
सोमवार-गुरुवार
सुबह ७ से ७.३० बजे (चाय-बिस्किट)।
नास्ता ९ से ९.३० बजे (नमकीन, दलिया, पोहा, उपमा, केला)
भोजन १.३० से २ बजे (हरी सब्जी लौकी, तुरई, गिल्की, टमाटर, भिण्डी, पालक आदि दाल (अरहर-मूंग), )।
दोपहर बाद शाम ३.३० से ४.३० बजे (चाय-बिस्किट)।
रात्रि भोजन ८ से ८.३० बजे (हरीसब्जी लौकी, तुरई, गिल्की, टमाटर, भिण्डी, पालक आदि दाल (अरहर-मूंग), दूध ।
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मंगलवार, शुक्रवार, रविवार
सुबह ७ से ७.३० बजे (चाय के साथ बिस्किट या टोस्ट )।
नास्ता ९ से ९.३० बजे (मीठी दलिया, केला)
भोजन १.३० से २ बजे सलाद, रोटी, नमकीन दलिया (हरी सब्जी लौकी, तुरई, गिल्की, टमाटर, भिण्डी, पालक आदि दाल (अरहर-मूंग), )।
दोपहर बाद शाम ३.३० से ४.३० बजे (चाय-बिस्किट)।
रात्रि भोजन ८ से ८.३० बजे (हरी सब्जी लौकी, तुरई, गिल्की, टमाटर, भिण्डी, पालक आदि दाल (अरहर-मूंग), दूध ।
बुधवार-शनिवार
सुबह ७ से ७.३० बजे (चाय-बिस्किट)।
नास्ता ९ से ९.३० बजे (मीठी दलिया, दूध और केला)
भोजन १.३० से २ बजे नमकीन दलिया (हरी सब्जी लौकी, तुरई, गिल्की, टमाटर, भिण्डी, पालक आदि दाल (अरहर-मूंग), )।
दोपहर बाद शाम ३.३० से ४.३० बजे (चाय-बिस्किट)।
रात्रि भोजन ८ से ८.३० बजे (हरीसब्जी लौकी, तुरई, गिल्की, टमाटर, भिण्डी, पालक आदि दाल (अरहर-मूंग), दूध ।
वर्जन…
अस्पताल में हर दिन औसत १२५ बच्चों के माताओं को भोजन के साथ मेन्यू के अनुसार पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। अगर ऐसा है तो मेन्यू की जांच कमेटी से कराकर सुधार किया जाएगा।
डॉ संजीव शुक्ला, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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