27 जनवरी को बड़े आंदोलन का ऐलान
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंकते नजर आ रहे हैं। रीवा में अलग अलग संगठनों के साथ बैठक कर नारायण त्रिपाठी ने संगठनों से अलग विंध्य प्रदेश की मांग को उठाने के लिए समर्थन मांगा है और 27 जनवरी को अपनी मांग को बुलंद करने के लिए चुरहट में एक बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है। बता दें कि बीते कई दिनों से नारायण त्रिपाठी अलग विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर समर्थन जुटाने में जुटे हुए हैं दो दिन पहले उन्होंने सतना जिले के उचेहरा में भी सभा की थी और तब उन्होंने ये तक कहा था कि पार्टी छोड़ हर व्यक्ति प्रमोशन चाहता है। हम सपा में थे, कांग्रेस में गए, प्रमोशन मिला। कांग्रेस से भाजपा में आए प्रमोशन मिला। उन्होंने तब कहा था कि हम नया प्रदेश बनाने को नहीं बोल रहे हैं हम चाहते हैं कि हमारा पुराना विंध्य प्रदेश ही वापस किया जाए।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की नसीहत भी दरकिनार
बता दें कि अलग विंध्य प्रदेश की मांग लगातार उठाने के कारण बीते दिनों शनिवार (16 जनवरी) को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी नारायण त्रिपाठी को तलब किया था और भोपाल में दोनों के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई थी और खबरें ये आईं थीं कि प्रदेशाध्यक्ष ने अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठाने को लेकर नारायण त्रिपाठी से सवाल जवाब किए थे। हालांकि बाद में नारायण त्रिपाठी ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से एक बार फिर बगावती तेवर दिखाए थे जो अभी भी जारी नजर आ रहे हैं। तब नारायण त्रिपाठी ने सोशल मीडिया के जरिए कहा था कि विन्ध्य की लड़ाई अनवरत जारी रहेगी। उन्होंने ये भी कहा था कि जो भी त्याग बलिदान विंध्य प्रदेश बनाने में करना पडेगा वे तैयार हैं उन्होंने कहा था मेरा सबकुछ विंध्य को समर्पित है। बता दें नारायण त्रिपाठी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भी सुर्खियों में रहे हैं और उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग की थी।
पहले भी उठती रही है अलग विंध्य की मांग
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी बीते कुछ दिनों से अलग विंध्य प्रदेश की मांग को पुरजोर तरीके से उठाने के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब अलग विंध्य प्रदेश की मांग मध्यप्रदेश में उठी है बीते 6 दशकों से अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठती रही है। 1 नवंबर 1956 में जब मप्र का गठन हुआ था, तब भी यह मांग सामने आई थी। तब मप्र विधानसभा के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे श्रीनिवास तिवारी भी इस मांग के पक्ष में थे और उन्होंने उप्र व मप्र के बघेलखंड व बुंदेलखंड को मिलाकर नया राज्य बनाने की मांग उठाई थी। बाद में श्रीनिवास तिवारी के बेटे ने भी अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठाई थी।
देखें वीडियो- बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने फिर उठाई विंध्य प्रदेश की मांग