क्षेत्रीय विधायक शुक्ल का मानना है कि 2035 तक शहरी आबादी लगभग 6 लाख हो जाएगी। इस आबादी के लिये आवास, पेयजल, परिवहन, स्वरोजगार, साफ-सफाई, व्यावसायिक गतिविधियों, मनोरंजन, खेलकूद, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा अन्य विकास के बिंदुओं को शामिल करते हुए कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने सलाह दी है कि नगर निगम को नगर विकास प्राधिकरण की तरह कार्य करना होगा।
कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होने सुझाया कि प्रस्तावित कार्ययोजना में उपलब्ध शासकीय भूमि के समुचित उपयोग, रिंगरोड, बाढ़ से बचाव के उपाय, मुख्य मार्गों को जोड़ने के लिये सुपर कॉरिडोर के निर्माण को भी शामिल किया जाए। वर्तमान में उपयोग की जा रही शहर की सड़कों के अलावा पर्याप्त चौड़ाई की अन्य सड़कें भी इसमें शामिल हों। आवागमन को सुगम बनाने के लिए अच्छी सड़कों का होना आवश्यक है। साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर को भी उचित स्थान पर ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। नगर निगम को प्रस्तावित कार्ययोजना में आवासीय सुविधाओं के विकास, व्यावसायिक स्थलों के विकास तथा आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।
विधायक ने कहा कि कार्ययोजना को इस तरह से लागू किया जाय कि शहर की सुंदरता के साथ आमजनता की सुविधा में भी वृद्धि हो। कार्ययोजना में भू-अर्जन के प्रस्तावों को भी शामिल करें। इसके साथ-साथ शहर को हरा-भरा बनाये रखने के लिये भी कार्ययोजना में प्रावधान करें। रीवा शहर को आधुनिक तथा व्यवस्थित शहर के रूप में विकसित करें।
बैठक में ये रहे मौजूद बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश नीरज आनंद लिखार, आयुक्त नगर निगम मृणाल मीणा, अपर कलेक्टर इला तिवारी, एसडीएम हुजूर शैलेन्द्र सिंह, अधीक्षण यंत्री नगर निगम शैलेन्द्र शुक्ल, कार्यपालन यंत्री एसके चतुर्वेदी, सहायक संचालक नागेश पेन्ड्रो तथा कार्ययोजना से जुड़े अधिकारी एवं इंजीनियर उपस्थित रहे।