प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शुरुआती दौर में कहा गया था कि हितग्राहियों को छह प्रतिशत की दर से ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर नगर निगम तक के अधिकारियों ने कई बार दावा किया कि जो मकान उपलब्ध कराए जाएंगे वह कम कीमत वाले होंगे साथ ही छह प्रतिशत की ब्याज लगेगी। अब बताया जा रहा है कि जिस कंपनी से फाइनेंस कराया जा रहा है वह हाउसिंग लोन 12 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध कराती है। इससे हितग्राहियों पर भार पड़ेगा और अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। यहां पर सरकार के दावों के विपरीत राशि जमा करनी होगी।
2205 मकानों का करना है आवंटन
आवास योजना को तीन भागों में बांटा गया है। एएचपी घटक के तहत तीन लाख से कम आय वाले परिवारों को शामिल किया गया है। शहर में 2205 लोगों को मकान आवंटित करना है। अभी तक करीब ढाई हजार लोगों ने आवेदन किया है। फाइनेंस नहीं हो पाने की वजह से आवंटन की प्रक्रिया लंबित होती जा रही है। अब कंपनी से चर्चा होने के बाद इस काम में तेजी आई है।
आवास योजना को तीन भागों में बांटा गया है। एएचपी घटक के तहत तीन लाख से कम आय वाले परिवारों को शामिल किया गया है। शहर में 2205 लोगों को मकान आवंटित करना है। अभी तक करीब ढाई हजार लोगों ने आवेदन किया है। फाइनेंस नहीं हो पाने की वजह से आवंटन की प्रक्रिया लंबित होती जा रही है। अब कंपनी से चर्चा होने के बाद इस काम में तेजी आई है।
एमआईसी से नहीं ली कोई स्वीकृति
मकानों के निर्माण और आवंटन से जुड़े अन्य मामले मेयर इन काउंसिल से स्वीकृति के लिए प्रस्तावित किए जाते रहे हैं। फाइनेंस का मामला अब तक नहीं पहुंचा है। इस मामले में एमआईसी के सदस्य नीरज पटेल का कहना है कि पूर्व में कहा गया था कि छह प्रतिशत की ब्याज पर फाइनेंस बैंकों से कराया जाएगा, इसके अलावा नई व्यवस्था क्या बनाई गई है कोई प्रस्ताव एमआईसी में नहीं आया है। अन्य कई सदस्यों का मानना है कि अधिक ब्याज पर हितग्राहियों पर आर्थिक भार पड़ेगा।
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मकान बनकर तैयार हो रहे हैं, हितग्राहियों को आवंटन करना है। २० हजार आवेदन के साथ जमा किए जा रहे हैं, शेष राशि फाइनेंस करना है। शासन स्तर से प्राइवेट कंपनी के लिए सहमति बनी है, इस कारण हम भी व्यवस्था बना रहे हैं। प्रयास है कि समय पर मकानों का आवंटन किया जाए।
एपी शुक्ला, प्रभारी प्रधानमंत्री आवास योजना
मकानों के निर्माण और आवंटन से जुड़े अन्य मामले मेयर इन काउंसिल से स्वीकृति के लिए प्रस्तावित किए जाते रहे हैं। फाइनेंस का मामला अब तक नहीं पहुंचा है। इस मामले में एमआईसी के सदस्य नीरज पटेल का कहना है कि पूर्व में कहा गया था कि छह प्रतिशत की ब्याज पर फाइनेंस बैंकों से कराया जाएगा, इसके अलावा नई व्यवस्था क्या बनाई गई है कोई प्रस्ताव एमआईसी में नहीं आया है। अन्य कई सदस्यों का मानना है कि अधिक ब्याज पर हितग्राहियों पर आर्थिक भार पड़ेगा।
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मकान बनकर तैयार हो रहे हैं, हितग्राहियों को आवंटन करना है। २० हजार आवेदन के साथ जमा किए जा रहे हैं, शेष राशि फाइनेंस करना है। शासन स्तर से प्राइवेट कंपनी के लिए सहमति बनी है, इस कारण हम भी व्यवस्था बना रहे हैं। प्रयास है कि समय पर मकानों का आवंटन किया जाए।
एपी शुक्ला, प्रभारी प्रधानमंत्री आवास योजना
बैंकों से फाइनेंस कराने में नाकामी केवल नगर निगम के हिस्से में नहीं है। इसके लिए शासन स्तर पर भी प्रयास करना था, जहां से कोई बात नहीं बनी तो अब प्राइवेट कंपनी से फाइनेंस कराने की अनुमति दे दी गई है। आगामी 24 जुलाई के पहले हितग्राहियों का नाम पोर्टल पर अपलोड करना है, प्रधानमंत्री ने भी टारगेट दे रखा है। इस कारण राज्य सरकार पर भी दबाव है कि समय पर मकानों का आवंटन कराया जाए। इसी के तहत कंपनी से फाइनेंस कराने के लिए सहमति दी गई है।