समीक्षा में विभिन्न जिले के कलेक्टर प्रतिनिधियों ने बताया कि संभाग के विभिन्न थानों में 200 से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं। सबसे ज्यादा सीधी में 80 प्रकरण है। शेष जिले में 50-50 की संख्या में प्रकरण लंबित हैं। संभागायुक्त ने कहा कि आगामी 2 अक्टूबर को संभाग के सभी जिलों में अस्पृश्यता निवारण शिविर आयोजित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि संभाग में सद्भावना एवं समरसता का माहौल बनाना इन शिविरों का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण आदर्श आचार संहिता लगने के पूर्व कर लिया जाए।
संभागायुक्त ने अन्तर्जातीय विवाह योजना, पीडि़त व्यक्तियों को मासिक निर्वाह भत्ता, आदर्श ग्राम पंचायत पुरस्कार, यात्रा एवं परिवहन भत्ता, न्यायालय में लंबित प्रकरणों आदि बिन्दुओं की समीक्षा कर संबंधितों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने पिछली बैठक के पालन प्रतिवेदन की भी समीक्षा की। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा ने कहा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्याचार संबंधी प्रकरणों में एफआइआर दर्ज होने पर उसकी जानकारी तत्काल नोडल विभाग को दी जाए। बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक सुशांत सक्सेना ने कहा, सभी प्रकरणों की जानकारी अपडेट कर उनका निराकरण समय पर कराया जाएगा। बैठक में डीआईजी अविनाश शर्मा, अपर कमिश्नर मधुकर अग्नेय, अपर कलेक्टर इला तिवारी, संयुक्त कलेक्टर माला त्रिपाठी सहित जिलों से पधारे लोक अभियोजन अधिकारी, थाना प्रभारी जेके सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।