जिला मुख्यालय से चंद कदम दूर खौर कोठी (कनौजा सोसायिटी) खरीद केन्द्र पर पांच मई से सैकड़ों की संख्या में किसान गेहूं तौल के लिए खड़े हैं। 23 मई से ही केन्द्र प्रभारी द्वारा गेहूं की तौल नहीं करने की सूचना दी गई। 24 मई को जिन किसानों का टोकन जारी होगा उसी की तौल होगी। केन्द्र पर 200 किसानों में से महज 30 किसानों को टोकन दिया गया। टोकन लेने वाले 20किसानों की तौल करने के बाद रसीद नहीं दी गई। शेष किसान अभी भी टोकन लेकर खड़े हैं। इसके अलावा अन्य किसानों को मोबाइल में मैसेज के बाद ओपीटी भेजी गई है। लेकिन, सर्वर के चलते टोकन जारी नहीं हो सका है।
24 मई को सर्वर खराब होने के कारण तौल नहीं हो सकी है। ये कहानी अकेले इस केन्द्र की नहीं है। बल्कि जिले में एक हजार से अधिक किसान उपज लेकर केन्द्रों पर खड़े हैं। कलेक्टर कार्यालय में पहुंचे किसान बिहारीलाल, श्रीनिवास, रामनरेश ङ्क्षसह, अब्दुल हमीद खान, महावीर पटेल, वशिष्ट प्रसाद पटेल सहिज दर्जनों किसानों ने कहा कि पांच मई से कतार में खड़े हैं। जिला मुख्यालय पर करहिया मंडी में चोरहटा सहित अन्य केन्द्रों पर भी किसान उपज लेकर खड़े हैं। तराई अंचल में भी कई केन्द्रों पर किसान उपज की तौल का इंतजार कर रहे हैं। केन्द्र पर अव्यवस्था के चलते समय से तौल नहीं हो सकी। किसानों ने सरकार से समय बढ़ाकर तौल कराने की मांग उठाई है। उधर, मामले में कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने किसानों को आश्वास दिया और कहा कि अभी तक आप लोग कहां थे। किसानों से कहा कि पोर्टल खोलने के लिए पत्र भेजा है।
कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने टोकन बांटने वाले किसानों की तौल के लिए दो दिन पहले ही शासन को पत्र भेजकर पोर्टल चालू कराने का आग्रह किया है। लेकिन, अभी तक शासन स्तर पर किसी तरह का दिशा-निर्देश नहीं आया। इधर, केन्द्र पर चिलचिलती धूप में किसान उपज बेचने के लिए भटक रहे हैं।
समर्थन मूल्य पर गेहूं की तौल के लिए 51 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया। लेकिन, तौल करने के लिए महज 29 हजार ही किसान पहुंचे। जबकि करीब 22 हजार किसान केन्द्र पर नहीं पहुंचे। अधिकारी इसकी ठोस वजह नहीं जान सके कि आखिर पंजीयन कराने के बाद किसान तौल के लिए केन्द्र पर नहीं आए। जबकि पंजीयन के दौरान अधिकारी किसानों की उपज का सत्यापन किया। इसके बाद भी किसान केन्द्र पर नहीं पहुंचे।
चना-मटर और सरसो का नहीं हो रहा भुगतान
जिले में चना, मटर और सरसों की उपज करीब 1600 किसानों ने बेची है। अभी तक ज्यादातर किसानों को भुगतान नहीं हुआ है। चना का 191 लाख रुपए भुगतान का दावा कर रहे हैं। जबकि सरसो की तौल करने के बाद भी अभी तक एक रुपए का भुगतान नहीं हुआ है। इसी तरह मटर में भी कुछ किसानों का भुगतान हुआ है। रीवा में 1421 किसानों ने चना बेचा है। जबकि मटर 833 और सरसो 690 किसानों ने तौल कराया है।
किसान नेता ने तौल कराने उठाई मांग
किसानराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किसानों के साथ पहुंचे थे। कलेक्टर को ज्ञापन देकर खौर कोठी सहित अन्य किसानों के गेहूं की तौल कराने की मांग है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।