कमिश्नर ने इसके लिए कैलकुलेटर का उपयोग करने की समझाइश दी।
केन्द्राध्यक्ष को हिदायत दी, दोबारा निरीक्षण करने पर कक्ष में मोबाइल नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने मोबाइल के साथ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर नाराजगी जताई।
निरीक्षण के दौरान संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे।
निरीक्षण की सूचना पर मची खलबली
कमिश्नर के केन्द्र पर पहुंचने से पहले स्कूल प्रबंधन को यह बात पता चली तो स्कूल में खलबली मच गई। जि मेदार चारों ओर व्यवस्था बनाने लगे। गेट बंद कर लोगों का आना – जाना बंद कर दिया गया। स्कूल परिसर में मौजूद कुछ लोगों को बाहर कर दिया गया।
अन्य कार्य भी व्यवस्थित कर दिए गए। मूल्यांकन कर्ताओं को भी इस बात की जानकारी हो गई थी। इसके बावजूद लापरवाही बरती। मोबाइल अपने पास ही रखे रहा। निरीक्षण में पकड़ा गया।
रैंप बनाने के निर्देश
स्कूल में प्रवेश द्वारा पर सीढ़ी है। जिसे दिव्यांग एवं प्रौढ़ लोग को उसे चढऩे में दिक्कत होती है। कमिश्नर ने बिना रैंप की सीढ़ी देखी तो नाराज हुए। उन्होंने संयुक्त संचालक लोक शिक्षण को रैंप बनवाने के निर्देश दिए।
कमिश्नर सीढ़ी के पास कुछ समय के लिए रुक गए। वहां मौजूद लोग समझ नहीं पाए किस लिए रुके हैं। जब उन्होंने समझाया तब पता चला की रैंप नहीं होने की वजह से नाराज हुए हैं।
अधूरे निर्माण को पूरा कराएं
स्कूल के शिक्षकों एवं मूल्यांकन कर्ताओं से उनकी समस्या के बारे में भी पूछा। पता चला की स्कूल में कुछ निर्माण कार्य पिछले कई वर्षों से अधूरे पड़े हुए हैं। नगर निगम एवं लोक निर्माण विभाग पूरा नहीं करा रहा है।
उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए जाएंगे। लापरवाही करने वालों पर कार्यवाही होगी। निरीक्षण के दौरान स्कूल प्राचार्य सीएल सोनी भी मौजूद रहे।