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MP election 2018 ; कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में ये समीकरण रहे भारी, जानिए हर सीट की स्थिति

locationरीवाPublished: Nov 04, 2018 11:28:56 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– नेताओं की पसंद नहीं चली, जीतने वालों को टिकट के लिए तय किए नाम

CONGRESS LIST

Madhya Pradesh Assembly Polls 2018 LIVE

रीवा। रीवा जिले में कांगे्रस ने सात विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। हर सीट में लंबे सर्वे और सुझावों के बाद नाम तय हुए हैं। कहीं जातिगत समीकरण तो कहीं क्षेत्र में लोकप्रियता को आधार बनाया गया है। पार्टी ने हर हाल में सीटें जीतने का टारगेट रखा है। इसी के चलते दूसरे दलों से आए नेताओं पर भी भरोसा जताया और उन्हें टिकट बांट दी है। इसको लेकर पार्टी के भीतर विरोध भी शुरू हो गया है। जानिए हर विधानसभा सीट में प्रत्याशियों के बारे में—
विधानसभा- त्योंथर

नाम- रमाशंकर सिंह
उम्र- 47
शिक्षा-एमए, लएलबी
प्लस-सभी वर्गों में पकड़
माइनस-जातिगत विरोध
सोशल मीडिया- ट्यूटर एवं फेसबुक
अनुभव- छात्र राजनीति से सक्रिय। जनतादल के युवा प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 2013 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। टिकट मिला और त्योंथर से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े।
प्रोफेशन-कृषि
शौक- पर्यटन स्थलों का भ्रमण
ठीहा- पुष्पराज नगर का मकान
वोटों को यह रहा प्रतिशत
2003- भाजपा 37110-29.2 प्रति., बसपा 34320-28 प्रति.,(भाजपा के रमाकांत तिवारी विजयी)
2008- भाजपा को वोट-18584-20.9 प्रति., कांग्रेस का वोट 19600-21.18 प्रति. (बसपा के रामगरीब वनवासी विजयी वोट-25987-28.09 प्रति)
2013- भाजपा को वोट-44347-36.83, कांग्रेस का वोट 34590-28.73 (भाजपा के रमाकांत तिवारी विजयी)
विरासत में मिली राजनीति-
रमाशंकर सिंह के पिता रामलखन सिंह जनता दल से त्योंथर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। इनकों राजनीति विरासत में मिली। रामलखन सिंह 1993 में विधायक बने उनकों 30614 वोट मिले थे।
ये मुद्दे होंगे-
त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 100 बिस्तर अस्पताल का निर्माण प्रमुख मुद्दा होगा। इसके अलावा सड़कों की खराब हालत, टूटी नहरें, बंद नलजल योजनाएं, अघोषित बिजली कटौती और नीलगाय मुद्दा होगा।
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विधानसभा- देवतालाब
नाम- विद्यावती पटेल
उम्र- 47 साल
शिक्षा- एमए अर्थशास्थ, एलएलबी
प्लस- क्षेत्र में अच्छी छवि, लगातार सक्रियता
माइनस- भीतरघात का खतरा, सर्वण की नाराजगी
सोशल मीडिया- फेस बुक में एकाउंट है
अनुभव- 1994 मेंं पहलीबार जिला पंचायत सदस्य वार्ड क्रमांक 14 से निर्वाचित हुई। 1996 में गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में विधायक, 1998 में गुढ़ से विधायक, वर्ष 2003 से लगातार चुनाव लड़ रही है।
प्रोफेशन- वकालत
शौक- समाज सेवा, परिवार के साथ रहना पंसद
ठीहा- नया बस स्टैंड शिल्पी कुंज के पीछे आवास, एवं देवतालाब में कार्यालय
2003-भाजपा के वोट-33892-25 प्रति., बसपा 24314-16.8 प्रति. (भाजपा के पंचूलाल प्रजापति विजयी)
2008-भाजपा के वोट-20632-22 प्रति., कांग्रेस 7646-8.15 प्रति. (भाजपा के गिरीश गौतम विजयी)
2013-भाजपा के वोट-36495-30.05 प्रति., कांग्रेस 30022-24.72 प्रति. (भाजपा के गिरीश गौतम विजयी)
ये होंंगे मुद्दे
देवतालाब विधानसभा क्षेत्र में ऐतिहासिक शिव मंदिर के सौदर्यीकरण के साथ ही सड़क का मुद्दा प्रमुख होगा। इसके अलावा बिजली और पानी की भी समस्या है। सिंचाई के लिए वाणसागर का पानी पहुंंचाने की मांग भी है।
पांचवी बार उतरेंगी मैदान में
विद्यावती पटेल पांचवी बार चुनाव मैदान में उतरने जा रही हैं। उन्होंने पहला चुनाव गुढ़ विधानसभा क्षेत्र से 1998 में लड़ा था। इसके बाद 2003 में गुढ़ एवं 2008 और 2013 में देवतालाव से चुनाव मैदान में रहीं।
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विधानसभा – सेमरिया
त्रियुगी नारायण शुक्ला, सेमरिया
आयु- 57 वर्ष
शिक्षा- बीएससी
पत्नी- गृहणी एवं ठेकेदार
पार्टी के जिला अध्यक्ष- प्लस
गुटबाजी, कम बोलते हैं – माइनस
सोशल मीडिया- फेसबुक एकाउंट है, अधिक सक्रिय नहीं रहते।
ट्वीटर एकाउंट- नहीं चलाते हैं।
लगातार दूसरी बार मैदान में
लगातार दूसरी बार विधानसभा के चुनाव मैदान में होंगे। वर्ष 2013 में भी सेमरिया विधानसभा से प्रत्याशी थे। 23.99 प्रतिशत के साथ 28788 वोट हासिल हुए थे। वह भाजपा की प्रत्याशी नीलम मिश्रा से 7385 मतों से हार गए थे।
अनुभव- 1984 से सक्रिय राजनीति में आए, सिरमौर ब्लाक से कांग्रेस अध्यक्ष रहे। कृषि उपज मंडी बैकुंठपुर के अध्यक्ष रहे। जनपद सदस्य रहे। अब कांग्रेस ग्रामीण कमेटी के अध्यक्ष हैं। 2013 में विधानसभा चुनाव लड़े और जिले भर में चर्चा में आए।
प्रोफेशन- कृषि एवं ठेकेदारी से जुड़े हैं।
ठीहा- क्षेत्र में ही सक्रिय रहते हैं, रीवा में अमहिया या फिर जीत होटल में लोगों से मिलते हैं।
शौक- किताबें पढ़ते हैं, संगीत सुनते हैं।
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ये होंगे मुद्दे
सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में पेयजल एवं सड़क प्रमुख मुद्दा हैं। इसके अलावा, आवारा पशु, दस्यु समस्या के साथ ही बिजली और शिक्षा-स्वास्थ्य भी समस्याएं हैं जो मुद्दा रहेंगे।
जातिगत समीकरण- 65 हजार ब्राह्मण, 31 हजार कुर्मी, क्षत्रिय 13 हजार, ओबीसी की अन्य जातियां 35 हजार, अल्पसंख्यक 6 हजार। ब्राह्मणों में पकड़, अन्य जातियों में भी लोकप्रिय। ब्राह्मण मतों का बंटवारा मुश्किल खड़ी करेगा।
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वर्ष 2003- विधानसभा सीट अस्तित्व में नहीं थी।
2008- कांग्रेस से राजमणि पटेल को – 17372- 18.67 वोट प्रतिशत मिले।
भाजपा के अभय मिश्रा को 25873- 27.81 वोट प्रतिशत मिले।(भाजपा के अभय मिश्रा विजयी)
2013-भाजपा 36173-30.14 प्रति., कांग्रेस 28788-23.99 प्रति.
(भाजपा की नीलम मिश्रा विजयी)
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विधानसभा – रीवा, अभय मिश्रा, रीवा
आयु- 50 वर्ष
शिक्षा- स्नातक 1990, एमए बिजनेस इकोनामिक्स
पत्नी- विधायक, ठेकेदार
जिपं अध्यक्ष, चुनाव प्रबंधन- प्लस
पार्टी की गुटबाजी – माइनस
सोशल मीडिया- फेसबुक एकाउंट और पेज है, फैंस क्लब के कई एकाउंट हैं।
ट्वीटर एकाउंट- इसमें भी सक्रिय रहते हैं।
वेबसाइट- अभय मिश्रा डॉट ओआरजी के नाम से है।
अनुभव- राजनीति में सक्रियता 2003 में हुई, इसी साल सिरमौर जनपद पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। 2008 में कांग्रेस के दिग्गज राजमणि पटेल को हराकर सुर्खियों में आए। 2009 में कृषि उपजमंडी रीवा के अध्यक्ष बने। 2013 में भाजपा ने टिकट काटकर पत्नी को दे दिया। 2014 में फिर वापसी की और जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए।
प्रोफेशन- कृषि एवं ठेकेदारी से जुड़े हैं।
ठीहा- रीवा में द्वारिका नगर एवं रेलवे स्टेशन के पास, सेमरिया में भी सक्रिय रहते हैं।
शौक- किताबें पढ़ते हैं, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं।
ये रहेंगे मुद्दे
शहर में सड़क, नाली एवं सफाई, अतिक्रमण यानी व्यवस्थित विकास मुद्दा रहेगा। ट्राफिक समस्या गंभीर है, इसके आलावा मीठा पानी सहित स्वास्थ्य समस्या भी मुद्दा बनेंगे।

जातिगत समीकरण- 30 फीसदी ब्राह्मण, 8 प्रतिशत क्षत्रिय, 12 प्रतिशत वैश्य, ओबीसी 30 प्रतिशत, एससीएसटी 20 प्रतिशत। इसमें 13 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं। इसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं ओबीसी, अल्पसंख्यक को अभय ने साधा है। समीकरण के हिसाब से वैश्यों को भी साधने में लगे हैं।
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वर्ष 2003- भाजपा राजेन्द्र शुक्ला- 78612– वोट प्रतिशत 56.65
कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही
पुष्पराज सिंह – 21796– 15.70
बसपा के लेखन सिंह- 22404 –16.14
भाजपा से कांग्रेस की हार का अंतर- 56816 (भाजपा राजेन्द्र शुक्ल विजयी)
2008-
भाजपा राजेन्द्र शुक्ला, 43140-52.05 प्रति.
कांग्रेस, राजेन्द्र शर्मा- 14126-17.04 प्रति.
कांग्रेस के हार का अंतर- 27014
बसपा के मुजीब खान 17030 वोट पाकर निकटतम रहे। (भाजपा राजेन्द्र शुक्ल विजयी)
2013-
भाजपा, राजेन्द्र शुक्ला- 61502-51.48 प्रति.
कांग्रेस, मुजीब खान- 20600-17.24 प्रतिशत
कांग्रेस के हार का अंतर- 40902
बसपा- केके गुप्ता- 23956 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। (भाजपा राजेन्द्र शुक्ल विजयी)
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विधानसभा- गुढ़
सुंदरलाल तिवारी, विधायक गुढ़
आयु- 60 वर्ष
शिक्षा- बीएससी 1977, एलएलबी 1980
पत्नी- शासकीय सेवक व्याख्याता
जातिगत समीकरण- प्लस
वर्तमान असंतोष- माइनस
लगातार दूसरी बार विधानसभा के चुनाव मैदान में होंगे। वर्ष 2013 में गुढ़ विधानसभा से विधायक बने। 25.50 प्रतिशत के साथ 33741 वोट हासिल हुए थे। वर्ष 1999 से 2004 तक रीवा के सांसद रहे। इसके बाद लगातार तीन बार लोकसभा का चुनाव हारे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पुत्र होने के नाते विंध्य में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं।
-कांग्रेस का बड़ा ब्राह्मण चेहरा
विंध्य क्षेत्र में श्रीनिवास तिवारी कांग्रेस का बड़ा ब्राह्मण चेहरा थे, इनके समर्थक हर विधानसभा में कांग्रेस के साथ जुड़े रहे। उनके निधन के बाद पहला चुनाव होगा जब सुंदरलाल तिवारी इस समाज के अगुआ के रूप में सामने होंगे। समाज के लोगों ने पिछले चुनाव में इनका खुलकर समर्थन किया था।
-विरासत में मिली राजनीति
सुंदरलाल तिवारी को राजनीति विरासत में मिली है। वह गंगेव जनपद पंचायत के अध्यक्ष के रूप में राजनीति में सक्रिय हुए। इसके बाद संगठन के जिला अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण संगठनों में रहे। बीते दो दशक से लगातार लोकसभा प्रत्याशी के रूप में मैदान में होते हैं। जिले के हर छोटे-बड़े मुद्दे पर सक्रिय रहते हैं।
– सैनिक स्कूल में भी पढ़े, रीवा में की वकालत
सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रहे सुंदरलाल तिवारी ने रीवा से ही बीएससी और एलएलबी करने के बाद यहीं वकालत भी की। राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद वह अक्सर वकालत में सक्रिय रहे। विधायक बनने के पूर्व भी कई बड़े मामलों में स्वयं उन्होंने पैरवी की।
सोशल मीडिया एकाउंट-
फेसबुक एकाउंट- निज सचिव इसका संचालन करते हैं।
ट्वीटर एकाउंट- कुछ समय तक सक्रिय रहे, अब बहुत कम इस पर पोस्ट करते हैं।
पुराना रिकार्ड- 236 दिन विधानसभा में उपस्थिति-
प्रोफेशन- कृषि एवं वकालत
ठीहा- शहर के अमहिया स्थित आवास पर ही कार्यकर्ताओं एवं आमजनों से मिलते हैं।
हारजीत- 2013 के विधानसभा में 33741 वोट यानी 25.50 प्रतिशत वोट मिले। जीत का अंतर महज 1382 ही रहा।
ये रहेंगे मुद्दा
गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी, सड़क, बिजली एवं पानी के मुद्दे हैं। सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगने के बाद भी स्थानी लोगों को रोजगार नहीं मिलना बड़ा मुद्दा रहेगा।

जातिगत समीकरण- 36 फीसदी ब्राह्मण, 32 फीसदी ओबीस, सात फीसदी क्षत्रिय, 25 फीसदी एससीएसटी। ब्राह्मण पिछले बार 80 फीसदी ब्राह्मणों ने साथ दिया था, इस बार नाराजगी है। पार्टी के साथ अल्पसंख्यक और अन्य भी जुड़े हैं।–
2003
भाजपा, नागेन्द्र सिंह, 37441 -35.19 प्रति.
कांग्रेस, साधना कुशवाहा- 9028-8.48 प्र्रति.
कांग्रेस के हार का अंतर- 28413-31.86 प्रति.
बसपा की विद्यावती पटेल – 33897 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहीं। (भाजपा के नागेन्द्र सिंह विजयी)
2008
भाजपा नागेन्द्र सिंह, 31689-32.70 प्रति.
कांग्रेस, राजेन्द्र मिश्रा 20311- 20.96 प्रतिशत
कांग्रेस के हार का अंतर- 11378 (भाजपा के नागेन्द्र सिंह विजयी)
2013
कांग्रेस सुंदरलाल तिवारी- 33741-25.50 प्रति.
भाजपा, नागेन्द्र सिंह- 32359-24.46 प्रति.
कांग्रेस की जीत- 1382 (कांगे्रस के सुंदरलाल तिवारी विजयी)
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विधानसभा- मऊगंज, सुखेन्द्र सिंह, विधायक मऊगंज
आयु- 43 वर्ष
शिक्षा- बीए 1993
मुद्दों पर आंदोलन- प्लस
बसपा का क्षत्रिय प्रत्याशी – माइनस

दूसरी बार मैदान में-
लगातार दूसरी बार विधानसभा के चुनाव मैदान में होंगे। वर्ष 2013 में मऊगंज विधानसभा से विधायक बने। 33.23 प्रतिशत के 38898 वोट पाकर पहले नंबर पर रहे। भाजपा के लक्ष्मण तिवारी, प्रदेश में बसपा को स्थापित करने वाले भीम सिंह पटेल, तीन बार विधायक रहे आइएमपी वर्मा, मंत्री के भाई विनोद शुक्ला सहित कई दिग्गजों को मात दी।
सक्रिय राजनीति
रीवा जिले में पहले छात्र आंदोलनों का हिस्सा रहे, बाद में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए। इस बीच कई बड़े आंदोलन किए और सुर्खियों में आए। हनुमना जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भी रहे। क्षेत्र में बढ़ती लोकप्रियता के बीच बीते 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने प्रत्याशी बनाया।
ये रहेगे मुद्दा
प्रमुख मुद्दा मऊगंज को जिला बनाओ के साथ ही वाणसागर का पानी लाना, कन्या कॉलेज सहित अन्य प्रमुख मुद्दे रहेंगे।
सोशल मीडिया एकाउंट-
फेसबुक एकाउंट- निज सचिव इसका संचालन करते हैं। फैंस क्लब के कई एकाउंट हैं, जो सक्रिय हैं।
ट्वीटर एकाउंट- नियमित तो नहीं लेकिन कभी-कभार इस पर पोस्ट स्वयं करते हैं।

पुराना रिकार्ड- 243 दिन विधानसभा में उपस्थिति-
प्रोफेशन- कृषि
ठीहा- शहर के बोदाबाग में कभी कभार रुकते हैं, पूरा समय क्षेत्र में ही रहते हैं।
हारजीत- 2013 के विधानसभा में 38898 वोट यानी 33.23 प्रतिशत वोट मिले। जीत का अंतर 10766 वोटों का रहा।

जातिगत समीकरण- 42 प्रतिशत सामान्य, 25 प्रतिशत ओबीस, 33 प्रतिशत एससीएसटी। आदिवासियों के नेता माने जाते हैं। ओबीसी की कई जातियों में मजबूत पकड़। भाजपा से ब्राह्मण प्रत्याशी नहीं का भी लाभ मिल सकता है।

2003
बसपा के आईएमपी वर्मा जीते- 31606-32.35 प्रति.
कांग्रेस की मंजूलता तिवारी- 7251-7.42 प्रति
अखंड प्रताप भाजपा-17801- 18.22 प्रति.
कांग्रेस के हार का अंतर- 24355 ( बसपा के आईएमपी वर्मा जीते)
2008-
भाजश, लक्ष्मण तिवारी- 24149-26.89 प्रति.
कांग्रेस के राकेश रतन- 15240-16.97 प्रति.
कांग्रेस के हार का अंतर- 8909
भाजपा के अखंड प्रताप, 19270-21.45 ( भाजश के लक्ष्मण तिवारी जीते)
2013
कांग्रेस, सुखेन्द्र सिंह- 38898-33.23 प्रति.
भाजपा, लक्ष्मण तिवारी- 28132-24.04 प्रति.
कांग्रेस की जीत- 10766 ( कांग्रेस के सुखेन्द्र सिंह जीते)
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MrigendraSingh IMAGE CREDIT: Patrika

अरुणा तिवारी, सिरमौर
आयु- 41 वर्ष
शिक्षा- स्नातकोत्तर, पीएचडी
श्रीनिवास तिवारी के परिवार से – प्लस
पहली बार राजनीति में आईं- माइनस
सोशल मीडिया- फेसबुक एकाउंट है
ट्वीटर एकाउंट- नहीं है।

अनुभव- छात्र राजनीति में सक्रिय रहीं, 1999 में कन्या महाविद्यालय रीवा की अध्यक्ष रहीं। पार्टी की सक्रिय राजनीति में नहीं रहीं। कभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं दिखी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के नाती विवेक की पत्नी हैं। पिछली बार विवेक सिरमौर से प्रत्याशी थे, कुछ गांवों में प्रचार करने गईं थी। इनका मायका गंगेव के पास गोंदरी गांव में है।
प्रोफेशन- गृहणी, व्यवसायिक फर्मों में हिस्सेदारी।
ठीहा- अमहिया में मकान है।
शौक- बघेली व्यंजन बनाना, संगीत, किताबें पढ़ती हैं।

वर्ष 2003-
कांग्रेस- 14.89 प्रतिशत
भाजपा 13.01 प्रति.
अंतर- 1.88
जीत- माकपा, रामलखन शर्मा, 26272- 23.31 प्रतिशत
वर्ष 2008-
कांग्रेस – 28.64 प्रतिशत
भाजपा -20.77 प्रतिशत
अंतर- 7.87
जीत- बसपा, राजकुमार उर्मलिया- 25913- 28.99 प्रतिशत
वर्ष 2013-
भाजपा 34.33 प्रतिशत
कांग्रेस- 29.79 प्रतिशत
अंतर- 4.54 प्रतिशत
जीत- भाजपा के दिव्यराज सिंह जीते 4.54
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जातिगत समीकरण-
ब्राह्मण 26 प्रतिशत
क्षत्रिय – 12 प्रतिशत
वैश्य- 5
ओबीसी – 28 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति – 22 प्रतिशत,
आठ प्रतिशत अनुसूचित जाति।

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