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रीवा

प्रदेश में सरकार बदलते ही 12 वनोपज प्रजातियों की खरीदी रुकी, ये है सबसे बड़ी रुकावट

महुआ समेत 12 प्रजातियों के बीज खरीदने से विभाग ने खड़े किए हाथ- सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए शुरू की थी व्यवस्था- बाजार में अधिक कीमत पर मिल रहे दाम, इसलिए किसानों ने भी दिखाई उदासीनता
 

रीवाJun 25, 2019 / 09:05 pm

Mrigendra Singh

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mp forest, 12 purchase of forest produce stops in rewa zone

रीवा। वन विभाग द्वारा समर्थन मूल्य पर जंगल से जुड़ी प्रजातियों के बीज खरीदने की योजना पर इस वर्ष अब तक अमल नहीं हो पा रहा है। विभाग ने पूर्व में हुए घाटे का हवाला देते हुए खरीदी के लिए कोई इंतजाम ही नहीं किया है। प्रदेश सरकार ने कुछ साल पहले से ही यह व्यवस्था शुरू की थी लेकिन इस वर्ष सरकार बदलते ही व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन दिखने लगा है। आधिकारिक रूप से ऐसे निर्देश भी जारी नहीं हुए हैं कि वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होगी।
विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जाने के चलते किसानों और वनों से जुड़े लोगों ने भी रुचि नहीं दिखाई है। रीवा में महुआ और नीम की खरीदी पर बीते वर्ष जोर रहा है, अब जून का महीने समाप्त होने जा रहा है और खरीदी शुरू होने के आसार भी कम हो गए हैं। बताया गया है कि वनोपज का सरकार की ओर से एक आदर्श रेट निर्धारित किया गया है, यह उस अवस्था में किसानों के लिए फायदेमंद होता है, जब मार्केट का रेट कम हो जाए तो सरकार समर्थन मूल्य पर उससे अधिक दाम पर खरीदने को तैयार होती है। बीते साल किसानों से तो खरीदी की गई लेकिन यह माल गोदामों में ही रखे रह गए और खराब होने लगे।

– बाजार से कम है सरकार का दाम
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य का जो दाम निर्धारित किया गया है, इस वर्ष वह बाजार दर से कम है। जिसकी वजह से किसानों की रुचि घटती जा रही है। कुछ स्थानों को छोड़ दें तो इस वर्ष खरीदी के लिए मांग भी विभाग के अधिकारियों से नहीं की गई है। महुआ का समर्थन मूल्य सरकार ने 30 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया है, यह बाजार में 35 से 40 रुपए तक बिक रहा है। इसी तरह नीम बीज 12 रुपए निर्धारित है, मार्केट में यह 15 से 18 रुपए तक बिक रहा है।

– 14 हजार क्विंटल महुआ बीते साल खरीदा गया था
वन वृत्त रीवा के खरीदी केन्द्रों में बीते साल 14 हजार क्विंटल महुआ की खरीदी की गई थी। जिसमें रीवा में 994.59 क्विंटल, सतना में 5008.84 क्विंटल, सीधी में 2069.33 क्विंटल और सिंगरौली में 6831.86 क्विंटल की खरीदी की गई थी। इसमें अधिकारियों की मनमानी सामने आई थी, जिसके चलते शासन की ओर से बिक्री की प्रक्रिया ही निरस्त कर लंबे समय के बाद अलग-अलग बेचा गया था। आरोप था कि व्यापारियों से साटगांठ कर अधिकारियों ने 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदे गए महुआ को 19 रुपए की दर से बेचा है। इस साल संभाग में कहीं से भी इसकी खरीदी नहीं की गई है।

– इन प्रजातियों की होनी थी खरीदी
– हर्रा- 10 रुपए
– बहेड़ा- 15 रुपए
– बेलगूदा- 15 रुपए
– अचार गुठली- 100 रु.
– चकौड़ा बीज- 8 रुपए
– शहद– 150 रुपए
– करंज बीज- 135 रुपए
– लाख कुसमी- 167 रुपए
– लाख रंगीनी- 130 रुपए
– महुआ फूल – 30 रुपए
– महुआ गुल्ली- 30 रुपए
– नीम बीज- 12 रुपए
– नागर मोथा- 25 रुपए
– साल बीज – 12 रुपए


सरकार ने महुआ सहित अन्य वनोपज का समर्थन मूल्य इसलिए निर्धारित किया है कि बाजार में दाम गिरने से उन्हें घाटा नहीं हो। इस साल बाजार में सभी वनोपज प्रजातियों के अ’छे दाम मिल रहे हंै, इस वजह से हमारे केन्द्रों में बिक्री के लिए नहीं आते। विभाग ने रोक नहीं लगाई है, किसान तैयार हों तो खरीदी कराएंगे।
अतुल खेरा, सीसीएफ वन वृत्त रीवा
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