जिले में 150 से अधिक खदानें संचालित
इसके अलावा जिले में 150 से अधिक खदानें संचालित हैं। जबकि इतना ही संख्या में क्रशर प्लांट चल रहे हैं। कई खनिज कारोबारियों की रायल्टी बकाया है। अवैध खनन के चलते रायल्टी की वसूली नहीं हो पा रही है। रायल्टी वसूली नहीं होने के कारण डीएमएफ का बजट प्रभावित हो रहा है। रायल्टी की तीस प्रतिशत राशि जिले के विकास के लिए उपयोग किया जाना है।
इसके अलावा जिले में 150 से अधिक खदानें संचालित हैं। जबकि इतना ही संख्या में क्रशर प्लांट चल रहे हैं। कई खनिज कारोबारियों की रायल्टी बकाया है। अवैध खनन के चलते रायल्टी की वसूली नहीं हो पा रही है। रायल्टी वसूली नहीं होने के कारण डीएमएफ का बजट प्रभावित हो रहा है। रायल्टी की तीस प्रतिशत राशि जिले के विकास के लिए उपयोग किया जाना है।
पेयजल व्यवस्था के 9.8 करोड़ रुपए स्वीकृत
खनिज विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 26.64 करोड़ रुपए डीएमएफ के लिए राशि जुटाई गई थी। जिसकी 60 प्रतिशत पेयजल, सडक़, स्वास्थ्य आदि विकास कार्या के लिए जारी कर दिया गया है। जिसमें 9.38 करोड़ रुपए कार्य पालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिका खण्ड रीवा को स्वीकृत किया गया है। इसी तरह सभी विभागों को मिलाकर 100 विकास कार्य के लिए 18.64 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है।
खनिज विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 26.64 करोड़ रुपए डीएमएफ के लिए राशि जुटाई गई थी। जिसकी 60 प्रतिशत पेयजल, सडक़, स्वास्थ्य आदि विकास कार्या के लिए जारी कर दिया गया है। जिसमें 9.38 करोड़ रुपए कार्य पालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिका खण्ड रीवा को स्वीकृत किया गया है। इसी तरह सभी विभागों को मिलाकर 100 विकास कार्य के लिए 18.64 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है।
विकास कार्यों को बजट का इंतजार
जिले में डीएमएफ की राशि के तहत निर्माणाधीन योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। कई कार्य प्रस्तावित हैं। बजट के अभाव में निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
जिले में डीएमएफ की राशि के तहत निर्माणाधीन योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। कई कार्य प्रस्तावित हैं। बजट के अभाव में निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।