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सरकार की अनदेखी, जेपी-अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने दबाई करोड़ों की रायल्टी

locationरीवाPublished: Mar 05, 2019 11:48:10 am

Submitted by:

Rajesh Patel

जिले में खनिज अमले की शिथिलता के चलते सरकार के खजाने को लग रही चपत
 

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रीवा. जिले में खनिज का अवैध कारोबार के चलते शासन के खजाने को चपत लग रही है। अधिकारियों की अनदेखी के चलते रायल्टी की वसूली नहीं हो पा रही है। जिससे डिस्ट्रिक मिनरल फंड (डीएमएफ) का बजट प्रभावित हो गया है। खनिज अधिकारियों की शिथिलता इस कदर है कि मार्च बीतने को है बावजूद इसके चालू वर्ष में अभी तक कुल खनन की तीस फीसदी से अधिक की रायल्टी फील्ड में फंसी है। इसके अलावा जिला दंडाधिकारी की ओर से किए गए अर्थदंड की वसूली नहीं हो पा रही है।
65 करोड़ का लक्ष्य, वसूली में फिसड्डी
शासन ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 65 करोड़ रुपए रायल्टी वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया है। मार्च बीतने को है, अभी तक खनिज अधिकारियों ने करीब 46 करोड़ रुपए की रायल्टी वसूली का दावा कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष बीतने को है, बावजूद इसके अभी तक जेपी-अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से 12 करोड़ रुपए से अधिक रायल्टी की वसूली नहीं कर सके।
जिले में 150 से अधिक खदानें संचालित
इसके अलावा जिले में 150 से अधिक खदानें संचालित हैं। जबकि इतना ही संख्या में क्रशर प्लांट चल रहे हैं। कई खनिज कारोबारियों की रायल्टी बकाया है। अवैध खनन के चलते रायल्टी की वसूली नहीं हो पा रही है। रायल्टी वसूली नहीं होने के कारण डीएमएफ का बजट प्रभावित हो रहा है। रायल्टी की तीस प्रतिशत राशि जिले के विकास के लिए उपयोग किया जाना है।
पेयजल व्यवस्था के 9.8 करोड़ रुपए स्वीकृत
खनिज विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 26.64 करोड़ रुपए डीएमएफ के लिए राशि जुटाई गई थी। जिसकी 60 प्रतिशत पेयजल, सडक़, स्वास्थ्य आदि विकास कार्या के लिए जारी कर दिया गया है। जिसमें 9.38 करोड़ रुपए कार्य पालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिका खण्ड रीवा को स्वीकृत किया गया है। इसी तरह सभी विभागों को मिलाकर 100 विकास कार्य के लिए 18.64 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है।
विकास कार्यों को बजट का इंतजार
जिले में डीएमएफ की राशि के तहत निर्माणाधीन योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। कई कार्य प्रस्तावित हैं। बजट के अभाव में निर्माण कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।

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