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आवेदक को भटकाने और गुमराह करने पर आरटीओ पर लगा जुर्माना

locationरीवाPublished: Sep 19, 2020 10:56:09 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– एक मामले में मऊगंज जनपद के खंड पंचायत अधिकारी पर भी 25 हजार का जुर्माना

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Penalty against Rewa RTO


रीवा। राज्य सूचना आयोग में रीवा जिले की चल रही अपीलों की सुनवाई में कई मामलों का निराकरण किया गया है। लोक सूचना अधिकारियों द्वारा अधिनियम के नियमों की अवहेलना किए जाने पर राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने फटकार भी लगाई और कहा कि इसी तरह की मनमानी की वजह अधिनियम कमजोर होता जा रहा है।
आरटीओ कार्यालय में शरद औदीच्य द्वारा लगाए गए आवेदन में जानकारी नहीं देने की वजह से अपील दायर की गई थी। एक वाहन नंबर से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी, पहले तो आरटीओ की ओर से जानकारी नहीं दी गई। बाद में राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर आरटीओर की ओर से जानकारी दी गई और कहा गया कि दस्तावेज मौजूद नहीं है।
इसके अलावा धारा ४ के तहत 17 बिन्दुओं के रजिस्टर की जानकारी भी नहीं दे पाए। साथ ही अपील कहां पर करना है इसकी जानकारी भी नहीं दी गई। इस पर अपीलकर्ता और आरटीओ के लोक सूचना अधिकारी मनीष त्रिपाठी की आनलाइन आडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। जिसमें आरटीओ आयोग को संतुष्ट नहीं कर पाए और 25 हजार रुपए का जुर्माना उन पर लगाया गया है। साथ ही कहा गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के नियमों का पालन वह अपने कार्यालय में नहीं करा पा रहे हैं इसलिए आयोग परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर उनके विरुद्ध विभागीय स्तर पर कार्रवाई के लिए भी कहेगा।

– अंधेरे में हस्ताक्षर कराने पर लगाया जुर्माना
मऊगंज जनपद पंचायत से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए लोक सूचना अधिकारी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना आयोग ने लगाया है। आवेदक राजेन्द्र कुमार मिश्रा की अपील पर मऊगंज के खंड पंचायत अधिकारी जो लोक सूचना अधिकारी भी हैं उनके विरुद्ध सुनवाई की गई। अपीलार्थी ने आयोग में अपील की थी कि उन्हें साढ़े तीन साल तक जानकारी देने से भटकाया जाता रहा। आयोग में अपील की तो रात्रि के समय अंधेरे में एक हस्ताक्षर पावती के नाम पर कराया और उसमें लिख लिया कि लोक सूचना अधिकारी का दोष नहीं है। इस पर आयोग द्वारा चाही गई जानकारी के बाद लोक सूचना अधिकारी अनिल मिश्रा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। जिसके चलते उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
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