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video story- मुकुंदपुर : बाघों के बाड़े में कोई गिरा तो आधा मिनट में पहुंचेगी सीढ़ी

locationरीवाPublished: Jun 04, 2019 01:20:41 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– मुकुंदपुर चिडिय़ाघर ने किया पहला प्रयोग, दूसरी जगह भी बनेगी- पूर्व में हुई घटनाओं के चलते पर्यटकों को बचाने किया सुरक्षा उपाय

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mukundpur zoo, Any drop in tiger enclosure will reach in half minute

रीवा। महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर मुकुंदपुर में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर एक नई व्यवस्था बनाई गई है। बाघों के बाड़े में यदि कोई पर्यटक या फिर चिडिय़ाघर का कर्मचारी ही किसी कारणवश गिर जाता है और सामने बाघ है तो उसे बचाने के लिए एक ऐसी सीढ़ी बनाई गई है, जो आधे मिनट के भीतर नीचे तक पहुंचेगी। उसी के सहारे ऊपर तक खींचा जा सकता है।
हालांकि बाड़ों में बाघों को देखने के लिए पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले ही सुरक्षाघेरा ऐसा बनाया गया है कि कोई वहां तक नहीं पहुंचे। कई बार सेल्फी खींचने या फिर अतिउत्साह में सुरक्षा घेरे की रेलिंग के ऊपर भी लोग चढ़ जाते हैं। बाड़े में मौजूद केयर टेकर के रोकने के बाद भी सुरक्षा से खिलवाड़ की जाती है। बताया गया है कि इस तरह का प्रयोग पहली मुकुंदपुर के चिडिय़ाघर में ही किया गया है।
कुछ समय पहले सेंट्रल जू अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारी यहां पर भ्रमण के लिए आए थे। उन्हें भी दिखाया गया, वे इससे प्रभावित हुए हैं और कहा है कि इस तरह की व्यवस्था अब सभी जगह बनाने के लिए निर्देश जारी करेंगे। वन विभाग के भोपाल से भी कई अधिकारियों ने इसे देखा है और कहा कि आपात स्थिति में जब तक व्यवस्थाएं बनाई जाती हैं तब तक बाघ हमला कर देता है, ऐसे में यह काफी सहायक होगी।

– बाक्स खोलते ही नीचे तक पहुंचती है फोल्डिंग सीढ़ी
यह इमरजेंसी फोल्डिंग सीढ़ी है। जिसे बाड़े के किनारे एक बाक्स में रखा गया है। जैसे ही बाक्स खोला जाएगा तो यह सीढ़ी नीचे तक पहुंच जाएगी। जिसे पकड़कर ऊपर तक चढ़ा जा सकता है। जानकारी मिली है कि जब बाघ बाड़े के नाइट हाउस में होते हैं तो चिडिय़ाघर के कर्मचारी इसमें किस तरह ऊपर तक आया जा सकता है, यह पर्यटकों को बताते भी हैं। फोल्डिंग होने की वजह से अधिक स्थान भी नहीं घेरती है।

– बाघों के बाड़े में गिरने की कई घटनाएं हो चुकी
चिडिय़ाघरों में बाघों के बाड़े में गिरने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ साल पहले दिल्ली के चिडिय़ाघर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक पर्यटक बाड़े में गिर जाता है और उस पर सफेद बाघ हमला कर देता है। इस घटना में सख्श की मौत हो गई थी। ग्वालियर में भी कुछ समय पहले एक व्यक्ति बाड़े तक पहुंच गया था, हालांकि उसकी जान बच गई। इसी तरह देश के अन्य कई चिडिय़ाघरों में इस तरह से हादसे होते रहे हैं।


बाघों के बाड़े में पर्यटकों के गिरने की घटनाएं कई स्थानों पर हो चुकी हैं। उसे ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी सुरक्षा सीढ़ी बनाई है ताकि तत्काल रेस्क्यू किया जा सके। हालांकि हमारे यहां हर बाड़े में केयरटेकर मौजूद हैं और लोगों को सुरक्षा घेरे में रहने के लिए बताते रहते हैं।
संजय रायखेड़े, संचालक चिडिय़ाघर मुकुंदपुर
– बाक्स खोलते ही नीचे तक पहुंचती है फोल्डिंग सीढ़ी
यह इमरजेंसी फोल्डिंग सीढ़ी है। जिसे बाड़े के किनारे एक बाक्स में रखा गया है। जैसे ही बाक्स खोला जाएगा तो यह सीढ़ी नीचे तक पहुंच जाएगी। जिसे पकड़कर ऊपर तक चढ़ा जा सकता है। जानकारी मिली है कि जब बाघ बाड़े के नाइट हाउस में होते हैं तो चिडिय़ाघर के कर्मचारी इसमें किस तरह ऊपर तक आया जा सकता है, यह पर्यटकों को बताते भी हैं। फोल्डिंग होने की वजह से अधिक स्थान भी नहीं घेरती है।
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