प्रतापगंज में मिला था शव
हनुमना थाना अन्तर्गत प्रतापगंज गांव में 4 दिसम्बार को सड़क से करीब पांच सौ मीटर दूर शव बरामद हुआ था जिसकी पहचान हरिदास कोल (३५) निवासी ग्राम खूंटा थाना हनुमना के रूप में हुई है। उसकी हत्या करके शव को फेंका गया था। इस घटना की जांच कर रही पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में जयपत कोल निवासी खूंटा, रामसखा केवट, दिन्नू केवट दोनों निवासी मलैगवां, गुड्डू कोल निवासी ग्राम भूर्तिया थाना हनुमना शामिल है। घटना दिनांक को युवक अपने रिश्ते के चाचा जयपत कोल के साथ ग्राम प्रतापगंज आया था। जहां दुकान से शराब लेकर उन्होंने पास में ही बैठकर पीया था।
हनुमना थाना अन्तर्गत प्रतापगंज गांव में 4 दिसम्बार को सड़क से करीब पांच सौ मीटर दूर शव बरामद हुआ था जिसकी पहचान हरिदास कोल (३५) निवासी ग्राम खूंटा थाना हनुमना के रूप में हुई है। उसकी हत्या करके शव को फेंका गया था। इस घटना की जांच कर रही पुलिस ने हत्या को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में जयपत कोल निवासी खूंटा, रामसखा केवट, दिन्नू केवट दोनों निवासी मलैगवां, गुड्डू कोल निवासी ग्राम भूर्तिया थाना हनुमना शामिल है। घटना दिनांक को युवक अपने रिश्ते के चाचा जयपत कोल के साथ ग्राम प्रतापगंज आया था। जहां दुकान से शराब लेकर उन्होंने पास में ही बैठकर पीया था।
बीड़ी खरीदने के समय हुआ विवाद
शराब पीने के बाद युवक रामसखा केवट की दुकान में बीड़ी लेने गया था जहां युवक का उससे विवाद हो गया। इस दौरान रामसखा केवट ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर डंडे व लात-घूंसे से उसकी बेदम पिटाई की जिसमें वह घायल हो गया। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में डंडा बरामद किया है। इस घटना का एक आरोपी अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। चारों आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर दिया। इस हत्याकांड के खुलासे में उपनिरीक्षक संग्राम सिंह, आरक्षक सोनू सिंह, आरक्षक अभय सिंह, आरक्षक दिवाकर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शराब पीने के बाद युवक रामसखा केवट की दुकान में बीड़ी लेने गया था जहां युवक का उससे विवाद हो गया। इस दौरान रामसखा केवट ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर डंडे व लात-घूंसे से उसकी बेदम पिटाई की जिसमें वह घायल हो गया। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में डंडा बरामद किया है। इस घटना का एक आरोपी अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। चारों आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर दिया। इस हत्याकांड के खुलासे में उपनिरीक्षक संग्राम सिंह, आरक्षक सोनू सिंह, आरक्षक अभय सिंह, आरक्षक दिवाकर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
घटना के बाद घर में जाकर सो गया चाचा, साक्ष्य छिपाने का बना आरोपी
इस घटना के बाद चाचा अपनी बाइक लेकर गांव भाग गया। उसने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी और चुपचाप घर में सो गया। यदि वह घटना के बारे में परिजनों को बता देता तो रात में ही उसे अस्पताल पहुंचा दिया जाता जिससे युवक की जान बच सकती थी लेकिन चाचा ने अपने आप को बचाने के लिए किसी को नहीं बताया। इतना ही नहीं सुबह भी वह पुलिस को गुमराह करता रहा। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 201 के तहत साक्ष्य छिपाने का मामला दर्ज किया है।
इस घटना के बाद चाचा अपनी बाइक लेकर गांव भाग गया। उसने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी और चुपचाप घर में सो गया। यदि वह घटना के बारे में परिजनों को बता देता तो रात में ही उसे अस्पताल पहुंचा दिया जाता जिससे युवक की जान बच सकती थी लेकिन चाचा ने अपने आप को बचाने के लिए किसी को नहीं बताया। इतना ही नहीं सुबह भी वह पुलिस को गुमराह करता रहा। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 201 के तहत साक्ष्य छिपाने का मामला दर्ज किया है।