हालांकि नगरपालिका चेयरमैन का बोर्ड तो उनके निवास की ओर जाने वाले मार्ग पर लगा दिया गया, लेकिन पार्षदों के बोर्ड को सुव्यवस्थित उनके वार्ड के प्रमुख मार्ग पर लगाए जाने की ओर किसी का ध्यान नहीं है। ऐसे में लोगों को वार्ड पार्षद से किसी काम के लिए हस्ताक्षर करवाने हो तो उन्हें मोबाइल नम्बर लेने एवं उनके घर का पता पूछना पड़ता है।
खास बात यह है कि इन बोर्ड में से अधिकांश पर पार्षदों के नाम, मोबाइल नम्बर, वार्ड एवं कॉलोनी से जुड़ी सूचना भी अंकित है और लगाने के लिए जगह भी चिह्नित है। पार्षदों का कहना है कि पालिका की ओर से करीब एक वर्ष पहले 30 वार्डों के लिए 30 बोर्ड बनवाए गए। सभी पर पार्षदों के नाम व सूचना भी लिख दी गई, लेकिन ये बोर्ड पालिका कार्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। इससे बोर्ड निर्माण पर खर्च राशि का सदुपयोग नहीं हो रहा। पार्षद कई बार अधिशासी अधिकारी एवं नगरपालिका चेयरमैन को बोर्ड लगवाने के लिए अवगत करा चुके हैं।
नगरपालिका चेयरमैन लक्ष्मी जायसवाल का कहना है कि पहले अधिशासी अधिकारी के नहीं होने के कारण बोर्ड नहीं लग पाए। अब शीघ्र ही तय जगहों पर इन बोर्ड को लगवा दिया जाएगा।