इस बार बजट को लेकर निगम अधिकारियों की ओर से बैठकें आयोजित नहीं की गई थी और न ही आम जनता के बीच इसको लेकर आवश्यकताओं पर कोई मंथन हुआ था। अधिकारियों ने पुराने आंकड़ों की ही अदला-बदली करते हुए इसे आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया, जिन्होंने इसे प्रशासक के सामने अनुमोदन के लिए पेश किया है। इस बजट में &6& करोड़ 52 लाख 8& हजार रुपए आय एवं 401 करोड़ 80 हजार रुपए व्यय का अनुमान है। बजट में दावा किया गया है कि नगर के समुचित विकास के साथ नगरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
– डिजिटल वर्किंग पर जोर
नगर निगम ने अपने बजट में दावा किया है कि इस बार डिजिटल वर्किंग पर विशेष रूप से काम किया जाएगा। शासन के मंशानुसार कैशलेस-पेपरलेस वर्किंग के लिए इ-नगरपालिका सॉफ्टवेयर के माध्यम से कार्य कराया जाना है। इसके तहत समस्त मॉड्यूल्स को इ-नगरपालिका में क्रियान्वयन के साथ निगम के समस्त करों एवं शुल्क आनलाइन के माध्यम से जमा कराने का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में भी टैक्स एवं अन्य भुगतान आनलाइन लिए जा रहे हैं।
– जोन कार्यालय होंगे और सशक्त
शहर की मूलभूत सुविधाओ को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक जोन कार्यालय में अधिकारियों को वाहन की सुविधा के साथ ही जेसीबी, फायर ब्रिगेड, डम्फर आदि संसाधनों से सुसÓिजत करने का प्रावधान किया गया है। जिससे जन समस्या का त्वरित निराकरण कराया जा सके। निगम के हर जोन कार्यालय को मुख्य कार्यालय की तरह ही संचालित करने पर जोर रहेगा।
– वार्डों में ऐसे खर्च का प्रावधान
शहर के वार्डों में सड़क, नाली, पुलिया एवं पौधरोपण आदि के लिए 45 करोड़ रुपए शासन एवं निगम की आय से मिलने का अनुमान है। जल प्रदाय व्यवस्था के लिए 16.40 करोड़, प्रकाश व्यवस्था के लिए &.70 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70 करोड़, सिटी ट्रॉसपोर्टेशन एवं ग्रीनरी तथा सीवरेज सिस्टम डेवलप कराने के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। रोटरी, हाकर्स-कार्नर, मुक्तिधाम नवनिर्माण, जनसुविधा केन्द्र एवं शौचालय निर्माण के लिए 4.50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस बजट में विशेष रूप से नगर प्रवेश द्वार एवं वार्ड प्रवेश द्वार बनाए जाने का प्रावधान किया गया है।
राजस्व आय में 198.35 करोड़ और पूंजीगत आय में 165.17 करोड़ के आय का अनुमान है। इसके तहत सम्पत्तिकर, सामेकितकर, शिक्षा उपकर, जलकर, प्रकाश अधिभार, विज्ञापन कर, नगरीय विकास उपकर, प्रदर्शन, मनोरंजन कर आदि में 78.&8 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बीते साल से यह 29 प्रतिशत Óयादा है। निर्दिष्ट राजस्व एवं क्षतिपूर्ति में मुद्रांक शुल्क, नजूल अंशदान, चुंगीक्षतिपूर्ति, यात्री क्षतिपूर्ति के तहत 54.50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
– शुल्क एवं उपभोक्ता प्रभार-
इसके अंतरगत विकास शुल्क, अनुज्ञा शुल्क, कांजी हाउस, टेलीफोन-मोबाइल टावर अनुज्ञाप्ति, हाकर्स कार्नर पशुवध मीट विक्रय, समझौता शुल्क, विलम्ब शुल्क, आवेदन शुल्क, टैंकरों से उपभोक्ता प्रभार आदि में 28 करोड़ 20 लाख 55 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है।
– बिक्री एवं भाड़ा प्रभार-
निविदा प्रपत्र, राशनकार्ड आवेदन पत्र, कम्पोष्ट खाद् विक्रय आदि में 85.50 लाख का प्रावधान किया गया हैं।
– राजस्व अनुदान योगदान, सब्सिडी, एवं पूंजीगत प्राप्तियां
इसके तहत सड़क अनुरक्षण अनुदान, पेयजल अनुदान, सांसद निधि, विधायक निधि, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, द्वितीय चरण मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना, अमृत योजना, आइएचएसडीपी योजना, स्व’छ भारत अभियान आदि के तहत शहरी विद्यालयों में शौचालय निर्माण, मुख्यमंत्री स्व’छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना सुलभ काम्पलेक्स, सीवरेज निर्माण, ग्रीनरी, सिटी ट्रॉसपोर्टेशन विशेषनिधि, शहरी ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए 214 करोड़ 59 लाख रुपए प्राप्ति का प्रावधान किया गया है। अन्य आय में 55 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। खाते में जमा राशि से छह करोड़ रुपए का अनुमान है।
– राजस्व एवं पूंजीगत व्यय
स्थापना व्यय में कर्मचारियों के वेतन महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, अस्थाई ईपीएफ, अवकाश नगदीकरण, भविष्य निधि शासकीय कटौती आदि में 59.06 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रशासनिक व्यय में दूरभाष, पीबीएक्स, मरम्मत, डॉक व्यय, पत्र-पत्रिकाएं, मुद्रण स्टेशनरी लेखन सामग्री, यात्रा देयक, वाहन बीमा, लेखा परीक्षा शुल्क, तकनीकी शुल्क, वास्तुविदीय शुल्क, परामर्श चार्टड एकाउंटेन्ट शुल्क, निविदा विज्ञापन, सांस्कृतिक गतिविधियां, स्मारिका प्रकाशन, विन्ध्य महोत्सव आयोजन, दीनदयाल रसोई योजना अंशदान, अतिथि सत्कार व्यय, विविध व्यय आदि में 4.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विंध्य महोत्सव को पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया था लेकिन अब फिर से प्रारंभ किया जाएगा।
परिचालन एवं अनुरक्षण में बिजली बिल, जलकार्य, स्ट्रीट लाइट, डीजल, मशीनों का किराया, सड़क मरम्मत, पार्क, सार्वजनिक शौचालय, जलप्रदाय भवन, कर्मचारी आवास, सामुदायिक भवन, मरम्मत, फर्नीचर क्रय, बकाया देनादारियों का भुगतान, फैक्स टाइपराइटर मरम्मत, जलप्रदाय नलकूप मरम्मत, कीटनाशक-दवाईयां आदि में 112.95 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ब्याज एवं वित्त प्रभार में राÓय सरकार से लिए ऋण पर ब्याज अमानत वापसी, मुआवजा, न्यायालय डिक्री आदि में 9.70 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो विगत वर्ष से 11 प्रतिशत कम है।
– कार्यक्रमों में व्यय–
राष्ट्रीय एवं राÓय स्तरीय खेल प्रतियोगिता आयोजन पर व्यय, प्रदर्शनी मेला आयोजन, खेल आयोजन पर नकद पुरस्कार, दुर्गात्सव समित को अंशदान, राष्ट्रीय दशहरा पर्व, गणेश उत्सव, उर्स आयोजन, लक्ष्मणबाग में स्थित गौशाला हेतु अंशदान, प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री कार्यक्रम, शान्ति एवं सद्भावना दौड़ अंशदान आदि में 67 लाख का प्रावधान किया गया है।
– पूंजीगत व्यय-
पौधरोपण एवं तालाबो का निर्माण, रोड निर्माण, मुक्तिधाम निर्माण, स्कूल भवन, सामुदायिक भवन निर्माण, रोड, नाली, टंकी निर्माण, विद्युत सामग्री खरीदी, नगर निगम सभा कक्ष निर्माण, दुकान निर्माण, वाहन क्रय शवदाह गृह आदि में 214.59 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
व्यवसायिक योजनाओं से 20 करोड़ की आय का अनुमान
नगर निगम ने बाजार बैठकी, टैक्सी-टैम्पो स्टैण्ड शुल्क वसूली, बाजार से किराया, प्रीमियम, दुकानों से प्राप्त किराया, सामुदायिक भवन से प्राप्त किराया, भवन भूमि स्थानान्तरण, सुलभ काम्पलेक्स किराया, यातायात नगर भूखण्ड, पेट्रोल पम्प तथा काम्पलेक्स, भाड़ा क्रय योजना प्रथम एवं द्वितीय चरण, नगर में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए शासन की महत्वपूर्ण योजना स्व वित्तीय योजना के तहत यातायात नगर में बस स्टैंड एवं रेवांचल बस स्टैण्ड में व्यावसायिक योजना, एसएएफ. चौराहा प्रथम तल दुकान, हाल निर्माण, गांधी काम्पलेक्स, व्यवसायिक योजना, विवेकानन्द वार्ड 16 आवास निर्माण, गंगोत्री कालोनी द्वितीय चरण मल्टी समूह आवास भवन प्लैट्स निर्माण, सफाई गोदाम व्यावसायिक योजना आदि के क्रियान्वित करने का प्रावधान किया गया है। जिसमें निगम को 20.46 करोड़ रुपए की आय अनुमानित है, जिसमें नगर के समुचित विकास के साथ बकाया देनदारियो का भुगतान किया जा सकेगा।