शहर के कई संगठन सामने आए भी हैं लेकिन नगर निगम इस बार राहत में समन्वय नहीं बना पा रहा है। अब तक जितने भी संगठनों की ओर से भोजन के पैकेट वितरण हों या फिर खाद्यान्न के पैकेट दिए गए हैं, वह सीधे कलेक्टर या फिर रेडक्रास के जरिए ही लोगों तक पहुंच रहे हैं। नगर निगम की ओर से कोई प्रयास भी नहीं किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही निगम के आयुक्त एवं उपायुक्त को हटाया गया तो जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी मिली, वह अब तक कोई खास समन्वय नहीं बना पाए हैं। नियमित आयुक्त की पदस्थापना भी नहीं हुई है।
– बाढ़ आपदा में मॉडल बनी थी निगम की तैयारी
शहर में वर्ष 2016 में बाढ़ आई जिसमें करीब दो दर्जन से अधिक वार्ड प्रभावित हुए थे। उस दौरान स्थानीय लोगों की मदद से नगर निगम ने शहर के हर हिस्से में राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया था। करीब दो सप्ताह तक यह राहत दी गई थी। उस दौरान निगम के अधिकारियों की सराहना प्रदेश सरकार ने भी की थी और कहा था कि सरकारी राशि खर्च किए बिना व्यापक पैमाने पर सहायता देना सराहनीय कदम है। इसके लिए तत्कालीन आयुक्त कर्मवीर शर्मा एवं उनकी पूरी टीम की सराहना सरकार ने की थी।
– भोजन वितरण में भी समन्वय नहीं
बीते कई दिनों से शहर में ऐसी विसंगतियां सामने आ रही हैं, जिसमें कुछ जगह कई लोगों द्वारा भोजन पहुंचाए जा रहे हैं, सेंट्रल किचन में पकने वाला भोजन प्रशासन भी पहुंचवा रहा है। वहीं झोपडिय़ों में रहने वाले बाहर से आए श्रमिकों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। वार्ड क्रमांक नौ के निराला नगर की महिलाएं दूसरे कई मोहल्लों में पहुंचकर भोजन के लिए राशन की भिक्षा भी मांगती नजर आईं।
——————- लॉकडाउन में राहत पहुंचाने के नाम पर शुरू हुई राजनीति
रीवा। शहर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के कार्य में भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। कुछ दिन पहले ही प्रदेश की सरकार बदलते ही शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की दिनचर्या बदल गई है और वह अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस बीच भाजपा के कुछ वार्डों के नेता लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं, जिसमें भी आरोप लगने लगे हैं कि वह अपने वोट के हिसाब से लोगों को राहत दे रहे हैं। शहर कांग्रेस के अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू की ओर से इस पर आपत्ति उठाई गई है और कहा गया है कि भाजपा राहत सामग्री वितरण के नाम पर राजनीति कर रही है। इस पर कलेक्टर हस्तक्षेप करें अन्यथा कांग्रेस विरोध करेगी। वहीं भाजपा के नेताओं ने भी कहा है कि शहर में आपात स्थिति बनी हुई है, लोगों को सहयोग की जरूरत है, ऐसे में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता गायब हैं। दोनों पक्षों की ओर से सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। जबकि शहर संवेदनशील दौर से गुजर रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए लोगों को जागरुक करने और राहत पहुंचाने का वक्त है।
रीवा। शहर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के कार्य में भी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। कुछ दिन पहले ही प्रदेश की सरकार बदलते ही शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की दिनचर्या बदल गई है और वह अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस बीच भाजपा के कुछ वार्डों के नेता लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं, जिसमें भी आरोप लगने लगे हैं कि वह अपने वोट के हिसाब से लोगों को राहत दे रहे हैं। शहर कांग्रेस के अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू की ओर से इस पर आपत्ति उठाई गई है और कहा गया है कि भाजपा राहत सामग्री वितरण के नाम पर राजनीति कर रही है। इस पर कलेक्टर हस्तक्षेप करें अन्यथा कांग्रेस विरोध करेगी। वहीं भाजपा के नेताओं ने भी कहा है कि शहर में आपात स्थिति बनी हुई है, लोगों को सहयोग की जरूरत है, ऐसे में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता गायब हैं। दोनों पक्षों की ओर से सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। जबकि शहर संवेदनशील दौर से गुजर रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए लोगों को जागरुक करने और राहत पहुंचाने का वक्त है।