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गाय दफनाने के मामले में आरोपों में घिरने वालों पर कार्रवाई नहीं, अब तक अधूरी है निगम प्रशासन की जांच

locationरीवाPublished: Oct 04, 2018 03:53:56 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

 
– नेता जी के इशारे पर आधे लोगों पर कार्रवाई, सवाल उठे तो स्वास्थ्य अधिकारी को किया बहाल

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रीवा। नगर निगम परिसर में गायों को दफनाए जाने के मामले में की गई कार्रवाई पर निगम प्रशासन लगातार घिरता जा रहा है। पहले आधे लोगों पर कार्रवाई की गई, जिसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उसे बचाया गया। जब सवाल उठने लगे तो प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। पूर्व में स्वास्थ्य अधिकारी समेत अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी, वहीं गोदाम प्रभारी पर केवल जांच बैठाई गई और छोड़ दिया गया। इस पर एमआइसी के कुछ सदस्यों ने भी आपत्ति उठाई तो आयुक्त ने उस दौरान कहा था कि नेता जी का निर्देश है। इसके बाद से निगम प्रशासन लगातार घिरता रहा है।
नगर निगम के संपत्ति अधिकारी अरुण मिश्रा को बहाल कर दिया गया है। नगर निगम को कार्य की आवश्यकता के चलते यह निर्णय लेना पड़ा है। एमआइसी ने इस शर्त के आधार पर बहाली की अनुमति दी है कि उनके विरुद्ध चल रही जांच आगे भी जारी रहेगी। इसके पहले वह स्वास्थ्य अधिकारी के भी प्रभार पर रहे हैं। बीते १२ अगस्त को नगर निगम परिसर में मवेशियों को दफनाए जाने को लेकर बवाल हुआ, जिसके बाद निगम प्रशासन मिश्रा को दोषी मानते हुए निलंबित करने का प्रस्ताव एमआइसी के पास भेजा था, जहां से उन्हें निलंबित किया गया था। एमआइसी और निगम प्रशासन के इस निर्णय पर यह सवाल उठाया गया था कि जब स्वास्थ्य अधिकारी और वाहन चालकों को दोषी माना गया है तो जिसके सुपरवीजन में यह सब हुआ उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इसका जवाब अब तक आयुक्त एवं अन्य नहीं दे पा रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस पार्षदों ने भी हंगामा मचाया था, जिसके बाद कई दिनों तक बवाल चला।
ये निर्णय भी एमआइसी की बैठक में लिए गए
मेयर इन काउंसिल की बैठक बुलाकर चुनाव आचार संहिता लगने से पहले कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है। शहर के वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए सफाई कामगार एवं रैगपिकर्स रखे जाने, शहर के बड़े नालों की सफाई के लिए श्रमिक, विशेष सफाई गैंग आदि की अनुमति दी गई है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एएचएपी घटक के सत्यापित हितग्राहियों की सूची का अनुमोदन किया गया, इसमें ६८५ हितग्राहियों का नाम शामिल किया गया है। पूर्व में १०९२ मकानों का आवंटन किया जा चुका है। रानी तालाब संरक्षण एवं प्रबंधन का ठेका 35 माह के लिए दिए जाने के लिए आई निविदाओं पर भी चर्चा हुई, इसमें कुछ आंशिक संशोधन करते हुए स्वीकृत करने के लिए कहा गया है।
शहर के धार्मिक स्थलों एवं बल्क जनरेटर से निकलने वाले डीगे्रडेवल वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य योजना की निविदा भी स्वीकृत की गई। बैठक में महापौर ममता गुप्ता, आयुक्त आरपी सिंह, अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ल, एमआईसी सदस्य व्यंकटेश पाण्डेय, नीरज पटेल, शिवदत्त पाण्डेय, सुधा सिंह, संजना सोनी, मनीष श्रीवास्तव, सूफिया बेगम, ललिता वर्मा, संजू कोल, सहायक यंत्री एपी शुक्ला, एसके चतुर्वेदी, निगम सचिव एमएस सिद्दीकी, सहायक सम्पत्तिकर अधिकारी अशोक सिंह, अधीक्षक केएन साकेत, हेमन्त त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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